पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज आश्विन माह और एकादशी तिथि का श्राद्ध है।
आज का विचार
सारस की तरह एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपने इन्द्रियों पर नियन्त्रण रखना चाहिए और अपने उद्देश्य को स्थान की जानकारी और समय की योग्यता के अनुसार प्राप्त करना चाहिए।
आज का भगवद् चिन्तन
ये प्रभु कृपा है
केवल भौतिक उपलब्धियों को प्रभु कृपा का स्वरूप नहीं समझना चाहिए। बहुधा लोग भौतिक सुख साधनों की प्राप्ति को ही दैवीय कृपा समझते हैं। कृपा का वास्तविक अर्थ बाहर की प्राप्ति नहीं अपितु भीतर की तृप्ति है। किसी को भौतिक सुखों की प्राप्ति हो जाना यह कृपा हो न हो मगर किसी को बाहरी सुखों की प्राप्ति न होने पर भी भीतर एक तृप्ति बनी रहना यह अवश्य प्रभु की बड़ी कृपा है।
जिस जीवन में प्रभु चरणों का विश्वास होगा वहाँ रिक्तता नहीं हो सकती है,वहाँ तो आनंद ही आंनद होता है। आपके पुरुषार्थ से और प्रारब्ध से आपको प्राप्ति तो संभव है मगर तृप्ति नहीं, वह तो केवल और केवल प्रभु कृपा से ही संभव है। अतः भीतर की तृप्ति, भीतर की धन्यता और भीतर का अहोभाव,यही उस प्रभु की सबसे बड़ी कृपा है।
आज का पंचांग
शनिवार, सितम्बर 28, 2024
सूर्योदय: 06:13 ए एम
सूर्यास्त: 06:10 पी एम
तिथि: एकादशी – 02:49 पी एम तक
नक्षत्र: अश्लेशा – 03:38 ए एम, सितम्बर 29 तक
योग: सिद्ध – 11:51 पी एम तक
करण: बालव – 02:49 पी एम तक
द्वितीय करण: कौलव – 03:45 ए एम, सितम्बर 29 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: भाद्रपद
पूर्णिमान्त महीना: आश्विन
चन्द्र राशि: कर्क – 03:38 ए एम, सितम्बर 29 तक
सूर्य राशि: कन्या