पंडित उदय शंकर भट्ट
आज दशहरा है, यानी अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि। इसी तिथि पर श्रीराम ने रावण को मारकर विजय हासिल की, इसलिए इसे विजयादशमी कहते हैं।
इस दिन श्रीराम की पूजा के साथ जीत का उत्सव मनाते हैं। द्वापर युग में अर्जुन ने जीत के लिए इसी दिन शमी के पेड़ की पूजा की थी। इस पर्व पर विक्रमादित्य ने शस्त्र पूजन किया था, इसलिए दशहरे पर शमी पूजा और शस्त्र पूजन की परंपरा है।
रावण पुतला दहन की परंपरा
विष्णु धर्मोत्तर पुराण के मुताबिक विजयादशमी पर श्रीराम ने युद्ध के लिए यात्रा शुरू की और एक साल बाद इसी दिन रावण को मारा था। इस दिन धर्म रक्षा के लिए श्रीराम ने शस्त्र पूजा भी की थी। इसके बाद रावण का पुतला बनाकर विजय मुहूर्त में स्वर्ण शलाका से उसका भेदन किया। यानी सोने की डंडी से उस पुतले को भेद कर युद्ध के लिए गए थे। ऐसा करने से लड़ाई में जीत मिलती है। माना जाता है तुलसीदास जी के समय से दशहरे पर रावण जलाने की परंपरा शुरू हुई।
आज का विचार
जीवन में कभी भी अपने रहस्य किसी अन्य व्यक्ति को नही बताना चाहिये, क्योंकि ये आपके लिए भारी मुसीबत बन सकती है।
आज का भगवद् चिन्तन
शुभ विजयादशमी
असत्य पर सत्य की, अंधकार पर प्रकाश की एवं अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व ही विजयादशमी है। नौ दिन माँ शक्ति की आराधना एवं पश्चात विजयादशमी का पावन पर्व मानव जीवन को यह सीख प्रदान करता है कि किसी भी कठिन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए धैर्य पूर्वक शक्ति का संचय एवं दृढ़ संकल्प शक्ति के अस्त्रों से ही असत्य रुपी दशानन का प्राणांत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
दशानन हमारे जीवन की अनेकानेक दुष्वृत्तियों एवं दुर्गुणों का ही प्रतीक है। हमारे दुर्गुणों ने ही हमें भक्ति रुपी माँ जानकी से वंचित किया हुआ है। जीवन में भक्ति रुपी माँ जानकी की प्राप्ति के लिए हमें अपने भीतर के काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, असत्य, अनाचार रूपी दशानन पर विजय प्राप्त करनी होगी।
विजय बल एवं छल की नहीं अपितु विजय सदैव सत्य की ही होती है। असत्य कितना ही बलशाली क्यों न हो पर सत्य को परास्त करना उसके बस की बात नहीं। शक्ति संचय, सत्यनिष्ठा एवं दृढ़ संकल्प ही जीवन उत्थान एवं लक्ष्य प्राप्ति का मूल है, यही सीख हमें विजयादशमी के पावन पर्व से प्राप्त होती है।
आज का पंचांग
शनिवार, अक्टूबर 12, 2024
सूर्योदय: 06:20
सूर्यास्त: 17:54
तिथि: नवमी – 10:58 तक
नक्षत्र: श्रवण – 28:27+ तक
योग: धृति – 24:22+ तक
करण: कौलव – 10:58 तक
द्वितीय करण: तैतिल – 22:08 तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शनिवार
अमान्त महीना: आश्विन
पूर्णिमान्त महीना: आश्विन
चन्द्र राशि: मकर
सूर्य राशि: कन्या
शक सम्वत: 1946 क्रोधी