पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज सांय को हनुमान जी की पूजा की जाएगी।
आज का पंचांग
बुधवार, अक्टूबर 30, 2024
सूर्योदय: 06:32 ए एम
सूर्यास्त: 05:37 पी एम
तिथि: त्रयोदशी – 01:15 पी एम तक
नक्षत्र: हस्त – 09:43 पी एम तक
योग: वैधृति – 08:52 ए एम तक
करण: वणिज – 01:15 पी एम तक
द्वितीय करण: विष्टि – 02:35 ए एम, अक्टूबर 31 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: बुधवार
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: कन्या
सूर्य राशि: तुला
त्योहार ऐसे मनाएं कि हाथ पारसमणि लगे
ईश्वर ने मनुष्य को जो जिंदगी दी है, उसमें एक बड़ी विशेषता है कि विकल्प भी बहुत दिए हैं। आपके पास चयन है कि आप किस तरह का जीवन चुनें और ऐसे विकल्पों में विवेक जरूर रखना चाहिए। मनुष्य शरीर की बात करते हुए श्रीराम ने भरत से कहा था, ‘ताहि कबहुं भल कहइ न कोई। गुंजा ग्रहइ परस मनि खोई।’ ‘जो पारसमणि को खोकर बदले में घुंघची ले लेता है, उसको कभी कोई बुद्धिमान नहीं कहता।’
घुंघची एक तरह की जंगली जड़ी-बूटी है। हमारे यहां तो हर त्योहार भी विकल्प का विवेक जगाने के लिए होते हैं। धनतेरस के जितने मतलब हैं, उसमें से एक बड़ा मतलब ये है कि जीवन में धन को किस रूप में उपयोग करें। सत्य भी एक धन है, प्रतिष्ठा धन है, जीवन में अच्छे लोगों का आना भी धन है।
अब जब त्योहारों का सिलसिला धनतेरस से शुरु हो गया है, तो हम इस मामले में सावधान रहें कि हमें मनुष्य का शरीर मिला है। हम त्योहार ऐसे मनाएं कि हमारे हाथ पारसमणि लगे, यानी उस त्योहार के पीछे का श्रेष्ठ हमारे जीवन में उतरे।
Good job bhaisahab….