आज का पंचांग: जीवन के रंग

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज संकष्टी चतुर्थी व्रत है।

संकष्टी चतुर्थी व्रत का दिन, उस दिन के चन्द्रोदय के आधार पर निर्धारित होता है। जिस दिन चतुर्थी तिथि के दौरान चन्द्र उदय होता है, संकष्टी चतुर्थी का व्रत उसी दिन रखा जाता है। इसीलिए प्रायः ऐसा देखा गया है कि, कभी-कभी संकष्टी चतुर्थी व्रत, चतुर्थी तिथि से एक दिन पूर्व अर्थात तृतीया तिथि के दिन ही होता है।

कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत नियमानुसार ही संपन्न करना चाहिए, तभी इसका पूरा लाभ मिलता है। इसके अलावा गणपति बप्पा की पूजा करने से यश, धन, वैभव और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

संकष्टी चतुर्थी व्रत की महिमा

नारद पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रती को पूरे दिन का उपवास रखना चाहिए। शाम के समय संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा को सुननी चाहिए। संकष्टी चतुर्थी के दिन घर में पूजा करने से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं। इतना ही नहीं संकष्टी चतुर्थी का पूजा से घर में शांति बनी रहती है। घर की परेशानियां दूर होती हैं।

आज का विचार

बड़ाई बड़ी मीठी है, उसकी चाहत कम नहीं होती, सच्चाई बड़ी कड़वी है। सबको हजम नहीं होती। कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए। मै सही तुम गलत के खेल में न जाने कितने रिश्ते ढह गए

 आज का भगवद् चिन्तन

 जीवन के रंग

मानव जीवन अनेक रंगों से सुसज्जित एक कलाकृति है। यहाँ शांति का सफेद रंग है, खुशहाली का हरा रंग है, सौंदर्य का पीला रंग है, प्रेम का लाल रंग है तो दुःखों का काला रंग भी है। एक रचना को सुंदर बनाने के लिए सभी रंगों की अपनी -अपनी भूमिका है और सभी रंग अपने आप में महत्वपूर्ण भी हैं। यहाँ पर व्यक्ति ही भिन्न-भिन्न नहीं हैं अपितु आपके प्रति उनका व्यवहार भी भिन्न-भिन्न ही होता है।

जीवन में एक ही व्यक्ति से सारी उम्मीदें या सभी लोगों से एक ही उम्मीद लगाना ही अनुचित है। यहाँ कोई सिखायेगा, कोई परखेगा, कोई शोषण करेगा, कोई पोषण करेगा, कोई डरायेगा, कोई जगायेगा और कोई ऐसा भी मिल ही जायेगा जो तुम्हें गले से लगायेगा और पाषाण से मूर्ति की भाँति तुम्हारे सर्वश्रेष्ठ रूप को बाहर लायेगा। प्रत्येक व्यक्ति से तुम्हारी प्रत्येक मुलाकात कुछ न कुछ अवश्य प्रदान करेगी। विविधता ही जीवन को रंगीन बनाती है।

आज का पंचांग

बुधवार, दिसम्बर 18, 2024

सूर्योदय: 07:08

सूर्यास्त: 17:28

तिथि: तृतीया – 10:06 तक

नक्षत्र: पुष्य – 00:58, दिसम्बर 19 तक

योग: इन्द्र – 19:34 तक

करण: विष्टि – 10:06 तक

द्वितीय करण: बव – 21:58 तक

पक्ष: कृष्ण पक्ष

वार: बुधवार

अमान्त महीना: मार्गशीर्ष

पूर्णिमान्त महीना: पौष

चन्द्र राशि: कर्क

सूर्य राशि: धनु

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