पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष सप्तमी, कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082, शक संवत विश्वावसु 1947, ज्येष्ठ | आज है सोमवार व्रत|
आज सप्तमी तिथि 08:35 PM तक उपरांत अष्टमी | नक्षत्र मघा 10:55 PM तक उपरांत पूर्व फाल्गुनी | व्याघात योग 08:20 AM तक, उसके बाद हर्षण योग | करण गर 08:11 AM तक, बाद वणिज 08:35 PM तक, बाद विष्टि | आज राहु काल का समय 07:24 AM – 09:04 AM है | आज चन्द्रमा सिंह राशि पर संचार करेगा |
- विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत – 1947, विश्वावसु
- पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
- अमांत – ज्येष्ठ
तिथि
- शुक्ल पक्ष सप्तमी – Jun 01 07:59 PM – Jun 02 08:35 PM
- शुक्ल पक्ष अष्टमी – Jun 02 08:35 PM – Jun 03 09:56 PM
नक्षत्र
- मघा – Jun 01 09:36 PM – Jun 02 10:55 PM
- पूर्व फाल्गुनी – Jun 02 10:55 PM – Jun 04 12:58 AM
आज का विचार
अनुभव और कर्म ये दो हमारे गुरु हैं, दोनों ही साथ चलते हैं। कर्म परिस्थिति से लड़ना सिखाता है और अनुभव लक्ष्य हासिल करना.
आज का भगवद् चिंतन
कर्मों का निर्धारण
केवल परिणाम से नहीं अपितु उद्देश्य से ही कर्म की श्रेष्ठता का निर्धारण होता है। जीवन में बहुत बार यह आवश्यक नहीं होता कि अच्छे कर्म का परिणाम भी अच्छा ही मिले। एक नारी की रक्षा के लिए पक्षीराज जटायु द्वारा दशानन जैसे बाहुबली से लड़ा गया युद्ध एक अच्छा कर्म अवश्य था लेकिन उसके बावजूद भी परिणाम में जटायु को अनेक प्रहार अपने ऊपर सहकर लहुलुहान होना पड़ा।
हस्तिनापुर में दुर्योधन को समझाकर युद्ध को टालने के लिए श्रीकृष्ण का शांतिदूत बनकर जाने का निर्णय एक श्रेष्ठ कर्म होने के बावजूद भी उसके परिणाम में उन योगेश्वर श्रीकृष्ण को ही अनेक अपशब्द सुनने पड़े और उन्हें बंधक बनाने तक का प्रयास किया गया। पक्षीराज जटायु हो या भगवान श्रीकृष्ण दोनों के कार्य अच्छे थे, परिणाम भले ही अच्छा नहीं रहा लेकिन दोनों के उद्देश्य परम पवित्र थे। अच्छा कर्म वह नहीं जिसका परिणाम भी अच्छा हो अपितु अच्छा कर्म वह है, जिसका उद्देश्य पवित्र है।