पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
अयोध्या में दो बार जमकर रोशनी हुई थी- श्रीराम जन्म पर, और वनवास के बाद उनके आगमन पर। सूर्यवंश ने श्रीराम के रूप में सूर्य के प्रकाश को भी धीमा करने वाले दीपक को जलाया था। और इस दीपक का प्रकाश रामलीला के प्रत्येक दृश्य में फैलाया हनुमान जी ने।
आज तकनीक की दुनिया में हम मनुष्यों का जीवन बदल रहा है। तुलसीदास जी ने हनुमान जी के लिए जो हनुमान चालीसा लिखी है, उसकी विशेषता यह है कि उसमें हमारे जीवन के कई प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है।
हम हनुमान चालीसा के माध्यम से जान सकते हैं कि एक आदि मानव था, एक वर्तमान मानव है और एक आगामी मानव होगा। समय रहते परिवार को हनुमान चालीसा से जोड़ा जाए, क्योंकि उसकी पंक्तियां और उनके बीच में जो अर्थ समाया है, वो किसी धर्म से बंधा नहीं है। वो मनुष्य के जीवन की घोषणा है।
- विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत – 1947, विश्वावसु
- पूर्णिमांत – बैशाख
- अमांत – बैशाख
तिथि
- शुक्ल पक्ष नवमी – May 05 07:36 AM – May 06 08:38 AM
- शुक्ल पक्ष दशमी – May 06 08:38 AM – May 07 10:20 AM
नक्षत्र
- मघा – May 05 02:01 PM – May 06 03:51 PM
- पूर्व फाल्गुनी – May 06 03:52 PM – May 07 06:17 PM
करण
- कौलव – May 05 08:02 PM – May 06 08:39 AM
- तैतिल – May 06 08:39 AM – May 06 09:25 PM
- गर – May 06 09:25 PM – May 07 10:20 AM
योग
- ध्रुव – May 06 12:19 AM – May 07 12:29 AM
- व्याघात – May 07 12:29 AM – May 08 01:04 AM
वार
- मंगलवार
त्यौहार और व्रत
- सीता नवमी
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 5:54 AM
- सूर्यास्त – 6:52 PM
- चन्द्रोदय – May 06 1:46 PM
- चन्द्रास्त – May 07 2:39 AM
अशुभ काल
- राहू – 3:38 PM – 5:15 PM
- यम गण्ड – 9:08 AM – 10:46 AM
- कुलिक – 12:23 PM – 2:00 PM
- दुर्मुहूर्त – 08:29 AM – 09:21 AM, 11:17 PM – 12:01 AM
- वर्ज्यम् – 12:40 AM – 02:26 AM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – 11:57 AM – 12:49 PM
- अमृत काल – 01:15 PM – 02:58 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:17 AM – 05:05 AM
आनन्दादि योग
- कालदण्ड Upto – 03:51 PM
- ध्रूम
सूर्या राशि
- सूर्य मेष राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा सिंह राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
- अमांत – बैशाख
- पूर्णिमांत – बैशाख
- शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – बैशाख 16, 1947
- वैदिक ऋतु – वसंत
- द्रिक ऋतु – ग्रीष्म
आज का भगवद् चिंतन
निराश मत होइये
अपने ऊपर निराशा को कभी भी हावी मत होने दो। जीवन में कुछ बड़ा करने का स्वप्न तो सब देखते हैं लेकिन हौसले के अभाव में उनका वह महान स्वप्न भी केवल दिवास्वप्न बनकर रह जाता है। जो लोग हौसले की ऊर्जा से भरपूर निरंतर अपने कर्तव्य पथ पर प्रयत्नशील रहते हैं, उनके महान से महान लक्ष्य भी एक दिन अवश्य पूर्ण हो जाया करते हैं। जीवन में असफलता आती है तो वह भी बहुत सारे अनुभवों को साथ लेकर आती है।
हमारे लिए क्या सही होगा और क्या गलत ये अनुभव ही बता पाता है। केवल शक्ति का होना पर्याप्त नहीं अपितु शक्ति का व्यय उचित दिशा में हो ये ज्ञान होना भी आवश्यक है। अनुभव हमारी शक्ति का अपव्यय रोककर उसे श्रेष्ठ मार्ग में लगाने की प्रेरणा प्रदान करता है। जुनून आपसे वो भी करवा लेता है, जो आप नहीं कर सकते थे। असंभव को भी संभव कर के दिखाए इसी का नाम जुनून है।