आज का पंचांग: कुपथ का त्याग करें

पंडित उदय शंकर भट्ट

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

सूर्योदय और चंद्रोदय

सूर्योदय05:39 पूर्वाह्न
सूर्यास्त06:19 अपराह्न
चंद्रोदय05:01 अपराह्न 🌙
चंद्रास्त05:05 पूर्वाह्न, अप्रैल 12 🌙

कैलेंडर

तिथिचतुर्दशी 🌒 03:21 AM, अप्रैल 12 तक
नक्षत्रउत्तरा फाल्गुनी 💫 03:10 PM तक
योगध्रुव 🧘 07:46 PM तक
करणगैराज ⏳ 02:09 PM तक
काम करने के दिनशुक्रवार 🗓️
पक्षशुक्ल पक्ष 🌒

चंद्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर

विक्रम संवत2082 कालयुक्त 📅
संवत्सरकालयुक्त 🗓️ अपराह्न 03:07 बजे तक, 25 अप्रैल, 2025
शक संवत1947 विश्वावसु 📅
गुजराती संवत2081 नाला 📅
चन्द्रमासाचैत्र – पूर्णिमांत 🗓️
दायाँ/गेट29 🗓️
चन्द्रमासाचैत्र – अमंता 🗓️

राशि और नक्षत्र

राशिकन्या ♍
नक्षत्र पदउत्तराफाल्गुनी 💫 08:27 AM 🥉 तक
सूर्य राशिमीना ♓
सूर्य नक्षत्ररेवती 🌟
सूर्य पदरेवती 🌟 🏅
नक्षत्र पदउत्तरा फाल्गुनी 💫 03:10 PM 🏅 तक
नक्षत्र पद✋ 09:54 PM तक 🥇
नक्षत्र पदहस्त ✋ प्रातः 04:38 बजे तक, 12 अप्रैल 🥈
नक्षत्र पद✋ 🥉 तक

आज का विचार

कष्ट और दुःख मनुष्य के जीवन में शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ दो गुण होते हैं। किसी को बहस या बातों से जीतने के बजाय मौन रहकर ही पराजित करना चाहिए.!

आज का भगवद् चिन्तन

कुपथ का त्याग करें

जीवन में पद से ज्यादा महत्व पथ का है इसलिए पदच्युत हो जाना लेकिन भूलकर भी कभी पथच्युत मत हो जाना। पथच्युत हो जाना अर्थात उस पथ का त्याग कर देना जो हमें सत्य और नीति के मार्ग से जीवन की ऊंचाईयों तक ले जाता है। पथच्युत होने का अर्थ है, जीवन की असीम संभावनाओं की ओर बढ़ते हुए कदमों का विषय वासनाओं की दलदल में फँस जाना।

महान लक्ष्य के अभाव में जीवन केवल प्रभु द्वारा प्राप्त इस मनुष्य देह का तिरस्कार ही है और कुछ नहीं। पद से गिर भी गए तो संभलना आसान है लेकिन पथ से गिरकर संभल पाना आसान नहीं। महानता के द्वार का मार्ग मानवता से होकर ही गुजरता है। मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म और उपासना है। मानवता रुपी पथ का परित्याग ही तो पथच्युत हो जाना है।

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