पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।



सूर्योदय और चंद्रोदय
सूर्योदय | 06:01 पूर्वाह्न |
सूर्यास्त | 06:09 अपराह्न |
चंद्रोदय | 12:30 पूर्वाह्न, 22 मार्च |
चंद्रास्त | 10:02 पूर्वाह्न |
कैलेंडर
तिथि | सप्तमी तिथि 04:23 AM, मार्च 22 तक |
नक्षत्र | ज्येष्ठ 01:46 AM, मार्च 22 तक |
अष्टमी | |
मुला | |
योग | सिद्धि सायं 06:42 बजे तक |
करण | विष्टि 03:38 PM तक |
व्यतिपात | |
बव 04:23 AM, मार्च 22 तक | |
पक्ष | कृष्ण पक्ष |
चन्द्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2081 पिंगला |
संवत्सर | पिंगला 02:14 PM, अप्रैल 29, 2024 तक |
शक संवत | 1946 क्रोधी |
कलायुक्त | |
गुजराती संवत | 2081 नाला |
चन्द्रमासा | चैत्र – पूर्णिमांत |
आज का चिंतन
कलम में जिस रंग की स्याही होगी, लिखावट भी उसी रंग की होगी, ठीक उसी तरह इंसान के मन में जैसे विचार होंगे, उसके कर्म भी वैसे ही होंगे। प्रसन्न वही है जिसने अपना मूल्यांकन किया। परेशान वही है जिस ने दूसरों का मूल्यांकन किया।
आज का भगवद् चिन्तन
विचारों की सार्थकता
श्रेष्ठ विचारों को वाणी का आभूषण मात्र बनाने से कल्याण नहीं होगा। श्रेष्ठ विचार आचरण के रूप में घटित हों तब ही हमारा कल्याण निश्चित है। जीवन में सत्य को सुनना ही पर्याप्त नहीं होता अपितु सत्य को चुनना भी आवश्यक है। सत्य की चर्चा करना एक बात है पर सत्य का चर्या बन जाना दूसरी बात है। मिश्री-मिश्री करने मात्र से मुँह में मिठास नहीं घुल जाती है। मिश्री को चख कर ही मुँह मीठा हो पाता है।
कंठ में शीतल जल उतर जाने पर ही हमारी प्यास बुझ सकती है। इसी प्रकार जीवन की श्रेष्ठता के लिए उच्च विचारों का जिह्वा के साथ-साथ जीवन में उतरना भी परमावश्यक हो जाता है। दुनिया का सबसे प्रभावी उपदेश वही होता है जो जीभ से नहीं जीवन से दिया जाता है। आचरण में सत्यता और श्रेष्ठता का उतर जाना ही किसी के व्यक्तित्व को पूजनीय बनाता है।