पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज (शुक्रवार, 17 जनवरी) माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी है, इसे तिल चतुर्थी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान गणेश के लिए पूजा-पाठ, व्रत और तिल से जुड़े धर्म-कर्म करने की परंपरा है। शुक्रवार और चतुर्थी के योग में गणेश जी के साथ ही महालक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा की जाती है।
तिल चौथ पर गणेश जी को तिल-गुड़ के लड्डू का भोग लगाते हैं, इसके साथ तिल कुटा भी भोग में रखा जाता है। कई लोग तिल का चूरमा भी बनाते हैं। जो लोग तिल चतुर्थी का व्रत करते हैं, वे पूरे दिन निराहार रहते हैं, शाम को चंद्र दर्शन करके चंद्र देव की पूजा की जाती है।
भगवान गणेश की सरल पूजा विधि
• घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने का संकल्प लें। गणेश जी के साथ माता पार्वती और शिव जी की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
• पूजा में भगवान को जल चढ़ाएं। जल के बाद दूध, दही, घी, मिश्री, शहद से बना पंचामृत चढ़ाएं। पंचामृत के बाद फिर से जल चढ़ाएं।
• भगवान को नए वस्त्र अर्पित करें। हार-फूल से श्रृंगार करें। चंदन, अक्षत, फूल, दूर्वा, बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल और अन्य सामग्रियां अर्पित करें। तिल-गुड़ के लड्डू, मिठाई का भोग लगाएं।
• धूप-दीप जलाकर भगवान की आरती करें। ॐ गं गणपतयै नमः मंत्र का जप करें। अंत में भगवान से जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। पूजा के बाद प्रसाद बांटें।
• शाम को चंद्र उदय के समय भी फिर से पूजा करें। चंद्र दर्शन करके चंद्र को अर्घ्य दें, चंद्र की भी पूजा करें। पूजा में ऊँ सों सोमाय नमः मंत्र का जप करें।
• पूजा में गणेश चालीसा और मंत्रों का पाठ करते हैं। चतुर्थी व्रत की कथा भी पढ़नी चाहिए।
आज का विचार
जब मनुष्य में दान देने की प्रवृत्ति जन्म लेती है, तो समाज में उसका प्रभाव बनता है। और अन्य लोग प्रेरित होते हैं। मनुष्य की सारी उपलब्धियां तभी मायने रखती है जब वह समाज के लिए कुछ अच्छा करता है
आज का भगवद् चिन्तन
क्षमावान ही बलवान है
जिसकी वाणी में क्षमा है, वही वीर पुरुष भी है। क्षमा मांग लेना फिर भी आसान है लेकिन किसी को क्षमा कर देना कदापि आसान काम नहीं। क्षमा माँगना और क्षमा करना ये दोनों गुण ही जीवन को महान बनाते हैं। दूसरों को क्षमा करने की आदत डालो, जीवन की बहुत समस्याओं से बच जाओगे। बलवान वो नहीं जो किसी को दण्ड देने की सामर्थ्य रखता हो अपितु बलवान वो है जो किसी को क्षमा करने की सामर्थ्य रखता है।
यदि आप किसी को क्षमा करने का साहस रखते हैं तो सच मानिये कि आप एक शक्तिशाली सम्पदा के धनी हैं और इसी कारण आप सबके प्रिय भी बन जाते हैं। वर्तमान समय में परिवारों में अशांति और क्लेश का एक प्रमुख कारण यह भी है कि व्यक्ति के जीवन और जिह्वा से क्षमा नाम का गुण गायब हो गया है। जिसके जिह्वा और जीवन में क्षमा है, उसके जीवन में सुख है, शांति है और आनंद है।
आज का पंचांग
शुक्रवार, जनवरी 17, 2025
सूर्योदय: 07:15
सूर्यास्त: 17:48
तिथि: चतुर्थी – 05:30, जनवरी 18 तक
नक्षत्र: मघा – 12:45 तक
योग: सौभाग्य – 00:57, जनवरी 18 तक
करण: बव – 16:43 तक
द्वितीय करण: बालव – 05:30, जनवरी 18 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: शुक्रवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: सिंह
सूर्य राशि: मकर
प्रविष्टे/गते: 4