पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
दुष्टों की संगति नहीं करनी चाहिए
यह व्यावसायिक दौर है। हमें कई लोगों से मिलना-जुलना पड़ता है। कुछ के बारे में हम जानते हैं कि ये अच्छे व्यक्ति नहीं हैं। फिर भी संबंध रखना पड़ेंगे। बस ध्यान रखें कि यदि व्यक्ति अच्छा नहीं है तो कुसंग लंबा न हो जाए।
वाहन चलाते हुए हम सावधानी रखते हैं कि हम किसी से या कोई हमसे न टकरा जाए। कुसंग के मामले में हमें इससे भी अधिक सावधानी रखना चाहिए। अमराई में छोटे भाई भरत को समझाते हुए रामजी ने कहा था कि दुष्ट लोगों का स्वभाव सुनो।
‘सुनहु असंतन्ह केर सुभाऊ। भूलेहूं संगति करिअ न काऊ। तिन्ह कर संग सदा दुखदाई। जिमि कपिलहि घालइ हरहाई।’ ‘अब असंतों दुष्टों का स्वभाव सुनो, कभी भूल कर भी उनकी संगति नहीं करना चाहिए। उनका संग सदा दुख देने वाला होता है।
रामजी की यह बात हमें समझना चाहिए कि जिन भी लोगों के साथ हम उठें-बैठें, बस कुसंग न कर जाएं। कुसंग के परिणाम का एक बड़ा उदाहरण है, जिसने भरत जैसे संत को जन्म दिया हो, वो मां कैकेई भी थोड़ी देर का वार्तालाप मंथरा से करती हैं, और रामराज्य चौदह साल के लिए खिसक जाता है। सत्संग भले ही न कर पाएं, पर कुसंग किसी भी हालत में मत करिए।
आज का विचार
ईश्वर के दो रूप होते हैं निर्गुण एवं सगुण। निर्गुण जिसे देखा नहीं जा सकता और सगुण जिसको प्रत्यक्ष देख सकते हैं। इन दोनों का भेद समझने के लिए प्रभु श्री राम जी का नाम का आश्रय लेना पड़ता है। कलयुग जैसे मलिन युग में ज्ञान, यज्ञ, पूजन आदि साधना करके भी ईश्वर की प्राप्ति कठिन होती है। वही प्रभु का नाम लेकर इस कलयुग में लोक और परलोक दोनों में सुख प्राप्त कर सकते हैं।
जीवन में सूर्य के उदय और अस्त के साथ हमारी आयु नित्य घटती जाती है….समय अनवरत चलता रहता है लेकिन हम अपनी भौतिक व्यस्तताओं में उसका भागना देख ही नहीं पाते…लोगों का बूढ़ा होना, असहाय – जर्जर होना और मृत्यु को प्राप्त होते देख कर भी, हमारे अंदर भय का भाव नहीं जन्म लेता, क्योंकि प्रभु की मोहमाया से हम अहंकाररूपी सागर में डुबकी लगा रहे होते है और संभावित संकटों को अपने से ना जोड़कर, लंबे भविष्य की योजनाओं में मन को उलझाए रहते…जिससे ना हम अपने ही आत्मकल्याण का विचार कर पाते और ना ही परमार्थ में मन लगाते…।
आज का पंचांग
शुक्रवार, नवम्बर 8, 2024
सूर्योदय: 06:38 ए एम
सूर्यास्त: 05:31 पी एम
तिथि: सप्तमी – 11:56 पी एम तक
नक्षत्र: उत्तराषाढा – 12:03 पी एम तक
योग: शूल – 08:28 ए एम तक
क्षय योग: गण्ड – 06:39 ए एम, नवम्बर 09 तक
करण: गर – 12:19 पी एम तक
द्वितीय करण: वणिज – 11:56 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: शुक्रवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: मकर
सूर्य राशि: तुला