आज का पंचांग: पूजा को समझो

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है. ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है.

पूजा को समझो

‘हमारे लिए तो कर्म ही पूजा है. इसलिए हम मंदिर नहीं जाते, कर्मकांड नहीं करते. बस कर्म करते हैं क्योंकि वो पूजा है.’ ऐसा दावा बहुत सारे लोग करते हैं. लेकिन कर्म को पूजा बताने वालों को पूजा का अर्थ भी समझना चाहिए. क्योंकि ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो कर्म को पूजा मानते हैं और दिनभर परेशान रहते हैं और आखिर में उदासी, चिंता में डूब जाते हैं.

पूजा का सबसे बड़ा अर्थ है एक ऐसा कर्म जिसमें मनुष्य का ‘मैं’ गिर जाता है और जैसे ही आपका ‘मैं’ गिरा, (जो मन में होता है) जैसे ही मन नियंत्रित हुआ वैसे ही कर्म तो होता है, कर्ता गायब हो जाता है. ‘मैंने किया’, ये भाव खत्म होता है, तब पूजा शुरू होती है.

अगर इस भाव से कर्म किया जाए, तो ही कर्म पूजा है वरना हम्माली है. जब तक अहंकार है, तब तक कर्म सहज नहीं होगा। उसमें गणित चलेंगे, समीकरण बैठाए जाएंगे. मेरा भाव हावी होगा और ऐसे सारे कर्मवीर अंत में दुखी हो जाते हैं. यदि कर्म को पूजा मानते हो, तो पहले पूजा को समझो और पूजा का एक अर्थ है निरहंकारी होकर काम करना.

आज का विचार

जिनमें अकेले चलने के हौसले होते है, एक दिन उनके पीछे काफिले होते है. कोई काम कितना ही कठिन क्यों न हो, जिद और दृढ विश्वास से जरुर पूरा किया जा सकता है.

 आज का भगवद् चिन्तन

इच्छा मुक्त जीवन

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जीवन में आनन्द साधन से नहीं अपितु साधना से प्राप्त होता है. केवल मानव जन्म मिल जाना ही पर्याप्त नहीं है, हमें जीवन जीने की कला सीखनी भी आवश्यक है. पशु- पक्षी तो बिल्कुल भी संग्रह नहीं करते फिर भी भी उन्हें इस प्रकृति द्वारा जीवनोपयोगी सब कुछ समय पर और निशुल्क प्राप्त हो जाता है. मन को कितना भी मिल जाए, यह बार-बार अपूर्णता का अनुभव कराता रहेगा.

जो अपने भीतर तृप्त हो गया उसे बाहर के अभाव कभी परेशान नहीं करते. जीवन तो बड़ा आनंदमय है लेकिन हम अपनी इच्छाओं के कारण, अपनी वासनाओं के कारण इसे कष्टप्रद और क्लेशमय बनाते हैं. केवल संग्रह के लिए जीने की प्रवृत्ति ही जीवन को कष्टमय बनाती है. जिसे इच्छाओं को छोड़कर आवश्यकताओं में जीना आ गया, समझो उसे सुखमय जीवन का सूत्र भी समझ आ गया.

आज का पंचांग, 18 अक्टूबर 2024

तिथि प्रतिपदा (17 अक्टूबर 2024, शाम 04.55 – 18 अक्टूबर 2024, दोपहर 01.15 )
पक्ष कृष्ण
वार शुक्रवार
नक्षत्र अश्विनी
योग वज्र, सर्वार्थ सिद्धि योग
राहुकाल सुबह 12.30 – दोपहर 12.00
सूर्योदय सुबह 06.22 – शाम 05.51
चंद्रोदय
शाम 06.20 – सुबह 07.08, 19 अक्टूबर
दिशा शूल
पश्चिम
चंद्र राशि
मेष
सूर्य राशि तुला

शुभ मुहूर्त, 18 अक्टूबर 2024 

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.37 – सुबह 05.26
अभिजित मुहूर्त सुबह 11.45 – दोपहर 12.31
गोधूलि मुहूर्त शाम 06.07 – शाम 06.31
विजय मुहूर्त दोपहर 02.17 – दोपहर 03.06
अमृत काल मुहूर्त
सुबह 07.06 – सुबह 8.31
निशिता काल मुहूर्त रात 11.42 – प्रात: 12.32, 19 अक्टूबर

18 अक्टूबर 2024 अशुभ मुहूर्त (Aaj Ka ashubh Muhurat)

  • यमगण्ड –  दोपहर 2.57 – शाम 04.23
  • आडल योग – सुबह 06.24 – दोपहर 1.26
  • विडाल योग – दोपहर 1.26 – सुबह 06.24, 19 अक्टूबर
  • गुलिक काल – सुबह 07.49 – सुबह 9.15

आज का उपाय

कार्तिक माह के दौरान रोजाना प्रात: काल मंगला आरती करें. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंगला आरती के जरिए भगवान को जगाया जाता है. ईश्वर का नाम जपें, कहते हैं इससे कंगाल के भी धनवान बनने के योग बनते हैं.

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पढते रहिए हिमशिखर खबर, आपका दिन शुभ हो… 

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