आज का पंचांग: मूल्यवान जीवन

पंडित उदय शंकर भट्ट

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

अपने भक्तों पर बिना कारण ही कृपा करते हैं और उसका सबसे बड़ा परिणाम है मनुष्य का शरीर मिलना। इसीलिए राम ने कहा, ‘फिरत सदा माया कर प्रेरा। काल कर्म सुभाव गुन घेरा।’ ‘माया की प्रेरणा से काल, कर्म, स्वभाव और गुण से घिरा हुआ मनुष्य सदा भटकता रहता है।’

हम लोगों की जिंदगी में चार रास्ते से दुख आते हैं। एक काल का यानी समय का दुख होता है। कहते हैं कि खराब समय चल रहा है। दूसरा कर्म का दुख होता है। कोई ऐसा काम करो, जिसका दुख दिखता है कि यह इसी के कारण मिला है।

कुछ लोग अपने स्वभाव से दुखी होते हैं। और कभी-कभी हमारी योग्यता, गुण… यह भी दुख का कारण बन जाते हैं। जब भी कभी जीवन में ऐसा हो और हमारे सामने इन चारों के कारण दुख आए, अंधकार आए, परेशानी आए, तो हमें सोचना चाहिए कि ऐसे समय में राम क्या करते हैं और जो राम करते हैं, वही हम करें।

आज का विचार

जीवन में असफलताओं से मत घबराइए यह तो आनी ही है। समस्याओं के बिना जीवन की सुंदरता नहीं है.!

आज का भगवद् चिन्तन

मूल्यवान जीवन

जीवन में अपने व्यवहार को इस प्रकार बनाओ कि आपकी अनुपस्थिति दूसरों को आपकी रिक्तता का एहसास कराने वाली हो। जीवन जीने की दो शैलियाँ हैं, एक जीवन को उपयोगी बनाकर जिया जाए और दूसरा इसे उपभोगी बनाकर जिया जाए। कर्म तो करना लेकिन निज स्वार्थ को त्यागकर परहित की भावना से करना ही जीवन को उपयोगी बनाकर जीना है।

जीवन को उपभोगी बनाने का अर्थ है, उन पशुओं की तरह जीवन जीना केवल और केवल उदर पूर्ति ही जिनका एक मात्र लक्ष्य है। मैं और मेरा में जिया गया जीवन ही उपभोगी जीवन है और जो जीवन उपभोगी है, वही समाज की दृष्टि में अनुपयोगी भी है। हमारा जीवन दूसरों के काम भी आए इस बात का भी अवश्य चिंतन होना चाहिए। जो उपयोगी है, वही मूल्यवान भी है।

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