नई टिहरी।
सूबे में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए युवाओं को गाइड क्षेत्र में तैयार किया जा रहा है। इसके लिए पर्यटन विभाग की पहल पर टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाइड प्रशिक्षण कार्यशाला स्वामी रामतीर्थ परिसर में शुरू हुई। इस दस दिवसीय प्रशिक्षण में युवाओं को टूरिस्ट प्लेस का भौगोलिक परिवेश, ट्रैकिंग रूट एवं पर्यटकों से बातचीत करने के तरीके सहित कई बारीकियां सिखाई जाएंगी।
मंगलवार को पर्यटन विभाग की ओर से एचएनबी विवि के स्वामी रामतीर्थ परिसर के सहयोग से दस दिवसीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाइड प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ पदमश्री कल्याण सिंह रावत, परिसर निदेशक एए बौडाई और जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने किया।
मुख्य अतिथि मैती आंदोलन के पदम श्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में पर्यटन और तीर्थाटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखण्ड के प्रमुख तालों, बुग्यालों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे परिसर निदेशक प्रो एए बौड़ाई ने कहा कि कुशल गाइड को हिंदी, अंग्रेजी के साथ स्थानीय भाषा का भी ज्ञान होना चाहिए। साथ ही यह भी बताया कि एक कुशल गाइड को ट्रैकर एवं पर्यटकों से किस तरीके से बातचीत करनी है। इसके अलावा ट्रैकिंग के दौरान दुर्गम ट्रैकिंग रूटों पर स्वयं को स्वस्थ रखने के बारे में भी टिप्स दिए।
जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने बताया कि कार्यशाला में टूरिस्ट प्लेस का भौगोलिक परिवेश, सुरक्षा, ट्रैकिंग रूट एवं पर्यटकों से बातचीत करने के तरीके सहित कई बारीकियां सिखाई जाएंगी। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को गाइड का सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिससे बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार और आर्थिक संबल मिलेगा। इस मौके पर कार्यक्रम समन्वयक सर्वेश उनियाल, डाॅ राहुल बहुगुणा, प्रो डीएस कैंतुरा, प्रो एमएमएस नेगी, राकेश कोठारी, हंसराज बिष्ट, तुषार उनियाल आदि मौजूद थे।