श्रद्धांजलियांः महात्मा गांधी, महामना मदन मोहन मालवीय ने स्वामी रामतीर्थ को श्रद्धांजलि देते हुए कही थी यह बात…

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

धर्म विश्रुत स्वामी रामतीर्थ परमहंस महाराज की जल-समाधि के बाद देश-विदेश के विख्यात विद्वान, संतों और राजनीतिज्ञों ने समय- समय पर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलियां और प्रशस्तियाँ अर्पित कीं, जिनका क्रमशः उल्लेख किया जा रहा है।


लाहौर के मिशन कालेज में एक विराट सभा हुई। कालेज का हाॅल यद्यपि बहुत बड़ा था, फिर भी जनता की भीड़ इतनी अधिक बढ़ गई थी कि बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिल  पा रहा था। काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅक्टर जे.सी.आर. ईबिंग ने अध्यक्ष स्थान ग्रहण किया था। अध्यक्ष महोदय ने शोक प्रदर्शित करते हुए कहा-

‘‘मुझे लाहौर आए हुए 18 वर्ष हो गए हैं। जब मैं आया, उस समय रामतीर्थ जी काॅलेज के प्रथम ईयर, क्लास-प्रथम वर्ष में पढ़ते थे। उनके उत्सुक नेत्रों, उनकी सुंदर छवि और शरीर यष्टि ने मेरे मन पर बहुत अच्छा प्रभाव डाला और उस समय का स्मरण मुझे इतना ताजा प्रतीत होता है, मानो व प्रसंग कल का ही हो। रामतीर्थ 5 वर्ष तक इसी काॅलेज में पढ़े। वे सबसे चतुर, हृदय के शुद्ध और दयालु छात्र थे।’’

फोरमेन क्रिश्चियन काॅलेज के प्राध्यापक डाॅ आर्विसन ने कहा-‘‘स्वामी रामतीर्थ जी की जितनी प्रशंसा की जाए, थोड़ी है। उन्होंने मेरे हाथ के नीचे अध्ययन किया था और मुझसे अत्यधिक स्नेह रखते थे। स्वामी जी ऐसे महापुरुष थे कि अन्य लोगों का स्नेह उन पर बहुत जल्दी हो जाता था। उनमें एक ऐसी विलक्षणता थी कि वे अन्य लोगों को बहुत प्रिय लगते थे। उन्होंने अपने देश के लिए जो-जो काम किए हैं, वे अनुकरणीय और आदरणीय हैं। अमेरिका जाने के पीछे उनका उद्देश्य अपने देश की उन्नति करना ही था।’’

बाबू अविनाश चंद्र मजूमदार प्रोफेसर रांचीराम, लाला धर्मदास, पं. रामभोज दत्त आदि विद्वानों ने स्वामी जी की श्लाघा करते हुए कहा-‘‘स्वामी जी सर्वगुण संपन्न एक अपूर्व महात्मा थे। अमेरिका निवासी कहते हैं कि स्वामी जी की मृत्यु से मात्र भारत को ही नहीं, अपितु अखिल विश्व को महान हानि उठानी पड़ी है।’’

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा है-

‘‘स्वामी रामतीर्थ के उपदेशों का प्रचार होना ही चाहिए। स्वामी रामतीर्थ, केवल भारत की ही नहीं, संसार की महान आत्माओं में से थे। मैं उनका आदर करता हूं।’’

महामना मदन मोहन मालवीय ने कहा है-

‘‘स्वामी रामतीर्थ एक ऐसा नाम है, जिसे सुनते ही मेरे हृदय में अलौकिक आनंद की लहर दौड़ जाती है। उन जैसे आत्मनिष्ठ किसी अन्य महात्मा से मेरी भेंट आज तक नहीं हुई। आत्म सुधार, आत्मज्ञान विषयक उनका संदेश आगे आने वाली भारत संतान को बड़ा उपयोगी सिद्ध होगा।’’

डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् ने कहा कि ‘‘स्वामी रामतीर्थ का जीवन और उनकी कृतियां दीर्घकाल तक संसार को प्रेरणा देती रहेंगी।

हनुमान प्रसाद पोद्दार ‘भाईजी’ ने कहा कि सर्वोदय नेता श्री लोकनायक श्री जयप्रकाश नारायण ने स्वामी जी को आधुनिक भारत का महान संत कवि कहा है।

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