हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण के मद्देनजर प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए कई कदम उठाने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीते 10 साल के दौरान देश ने अर्थव्यवस्था में उत्पादकता में सुधार और असमानता को कम करने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी का सफलतापूर्वक उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल अवसंरचना में सार्वजनिक निवेश और निजी क्षेत्र द्वारा नवाचार से नागरिकों विशेष रूप से आम लोगों की बाजार के संसाधनों, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में सहायता मिली है।
इस दौरान प्रौद्योगिकी को अपनाने और डिजिटलीकरण के प्रयासों में बढ़ोतरी के तहत निम्नलिखित कदमों का ऐलान किया गया।
डाटा और सांख्यिकी
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि डाटा संचालन, संग्रहण, प्रसंस्करण में सुधार तथा डाटा और सांख्यिकी के प्रबंधन के लिए डिजिटल भारत मिशन के अंतर्गत स्थापित डाटाबेस सहित विभिन्न क्षेत्रीय डाटाबेस का प्रयोग प्रौद्योगिकी टूल्स के सक्रिय उपयोग से किया जाएगा।
मोबाइल फोन और उससे जुड़े पार्ट
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान मोबाइल के घरेलू उत्पादन में तीन गुना वृद्धि होने और मोबाइल फोन के निर्यात में लगभग 100 गुना वृद्धि होने से भारत का मोबाइल फोन उद्योग परिपक्व हो गया है। उपभोक्ताओं के हित में, बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि मोबाइल फोन, मोबाइल पीसीबीए और मोबाइल चार्जर पर बीसीडी को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाए।
इलेक्ट्रॉनिक्स
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए सरकार रेसिस्टरों के विनिर्माण के लिए ऑक्सीजन फ्री कॉपर पर शर्तों के साथ बीसीडी को हटाए जाने का प्रस्ताव करती है। साथ ही, कनेक्टरों के विनिर्माण के लिए कुछ पार्ट्स को कर से छूट देने का प्रस्ताव भी किया जाता है।
दूरसंचार उपकरण
घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए, वित्त मंत्री ने कुछ विशेष दूरसंचार उपकरण के पीसीबीए पर सीमा शुल्क 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया।
डिजटल सार्वजनिक अवसंरचना अनुप्रयोग
सेवा क्षेत्र का उल्लेख करते हुए, वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र द्वारा उत्पादकता लाभों, व्यवसाय के अवसरों और नवाचार के लिए बड़ी आबादी को ध्यान में रखते हुए डीपीआई अनुप्रयोग विकसित करने का प्रस्ताव किया। इनकी योजना ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा सुपुर्दुगी और शहरी अभिशासन को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।
अगले 10 साल में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुनी तक बढ़ाने पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित किया जाएगा।