गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की

नई दिल्ली

Uttarakhand

केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक कर आगामी मानसून में बाढ़ से निपटने की समग्र तैयारियों की समीक्षा की। अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF)  व राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में की गयी तैयारियों का जायजा भी लिया। उन्होने देश की बाढ़-संबंधित समस्याओं को कम करने के लिए एक विस्तृत और व्यापक नीति तैयार करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की भी समीक्षा की। बैठक में बाढ़ के दौरान जानमाल के नुकसान को न्यूनतम करने के लिए कई निर्णय लिए गए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने अधिकारियों को देश के प्रमुख कैचमेंट क्षेत्रों में बाढ़ और जलस्तर में वृद्धि की सबसे निचले स्तर तक भविष्यवाणी पहुँचाने के लिए एक स्थायी प्रणाली स्थापित कर केंद्र और राज्यस्तरीय एजेंसियों के बीच समन्वय को लगातार मज़बूत करते रहने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान बाढ़ के मौसम के दौरान वर्तमान और पूर्वानुमानित नदी के स्तर की हर घंटे निगरानी की जानी चाहिए और बाढ़ के दौरान सभी संबंधित हितधारकों द्वारा उचित उपायों – तटबंधों, निकासी, अस्थायी आश्रयों आदि की निगरानी की जानी चाहिए। उन्होने एनडीआरएफ से बहुत अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में स्थानीय, नगरपालिका और राज्य स्तर पर वर्षा पूर्व चेतावनी जारी करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर एसओपी (SOPs) तैयार करने का निर्देश दिया।      

केंद्रीय गृह मंत्री ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) जैसे विशिष्ट संस्थानों को सलाह दी कि वे अधिक सटीक मौसम और बाढ़ पूर्वानुमान के लिए अपनी प्रौद्योगिकियों का उन्नयन जारी रखें। उन्होने  एसएमएस, टीवी, एफएम रेडियो और अन्य माध्यमों के ज़रिए जनता को बिजली गिरने के बारे में चेतावनियों का समय पर प्रसार करने का निर्देश दिया। शाह ने कहा कि एनडीआरएफ़ और एसडीआरएफ़ को बिजली गिरने की चेतावनी की सूचना जिला कलेक्टरों और पंचायतों तक पहुँचाने की व्यवस्था बनाने को कहा ताकि कम से कम जान माल का नुकसान हो। उन्होंने आईएमडी द्वारा विकसित ‘उमंग’,’रेन अलार्म’ और ‘दामिनी’ जैसे मौसम पूर्वानुमान से संबंधित विभिन्न मोबाइल ऐप का अधिकतम प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया, ताकि उनका लाभ लक्षित आबादी तक पहुंचे। शाह ने ‘दामिनी’ ऐप को देश की सभी स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिये। ‘दामिनी’ ऐप तीन घंटे पहले बिजली गिरने की चेतावनी देता है जो जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है।

अमित शाह ने जल शक्ति मंत्रालय और सीडब्ल्यूसी को बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत राज्य स्तर और बांध स्तर पर संस्थागत व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए पानी और बाढ़ को और कम करने और जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए समय पर अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पिछले साल 15 जून, 2021 को हुई बाढ़ समीक्षा बैठक के दौरान श्री अमित शाह द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए, सीडब्ल्यूसी, आईएमडी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने नदियों में जलस्तर और बाढ़ की स्थिति की निगरानी शुरू कर दी है और गृह मंत्रालय को नियमित रिपोर्ट भेज रहे हैं।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष ने बैठक में प्रस्तुतियां दीं और पिछले साल हुई बाढ़ समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मौसम में सुधार और बाढ़ पूर्वानुमान तकनीकों और बाढ़ नियंत्रण उपायों से अवगत कराया। एनडीआरएफ के महानिदेशक ने बताया कि आगामी मानसून के दौरान बाढ़ से निपटने की सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होने कहा कि राज्यों द्वारा एनडीआरएफ़ की 67 टीमों की मांग की गई है और अब तक 14 टीम तैनात कर दी गई हैं।

 भारत में एक बड़ा क्षेत्र बाढ़ संभावित है है जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र मुख्य बाढ़ बेसिन हैं और असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सबसे अधिक बाढ़ संभावित राज्य हैं। बैठक में लिए गए निर्णय देश के उन लाखों लोगों की तक़लीफ़ों को दूर और उन्हें कम करने में काफ़ी सहायक सिद्ध होंगे, जिन्हें अपनी फसल, संपत्ति, आजीविका और अमूल्य जीवन पर बाढ़ के प्रकोप का सामना करना पड़ता है।

 बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह, जल संसाधन, नदी विकास और नदी कायाकल्प; पृथ्वी विज्ञान; पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन; सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालयों के सचिव; सदस्य सचिव, एनडीएमए, आईएमडी और एनडीआरएफ के महानिदेशक; इसरो, रेलवे बोर्ड, एनएचएआई, सीडब्ल्यूसी और संबंधित मंत्रालयों के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *