नई दिल्ली
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज संयुक्त राष्ट्र के एशिया और पेसेफिक के लिए आर्थिक व सामाजिक आयोग (यूएनएस्केप) के आपदा, जलवायु और स्वास्थ्य से संबंधित मंत्रालयी पैनल की क्षेत्रीय परिचर्चा में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए भाग लिया। परिचर्चा में आस्ट्रेलिया, चीन, इंडोनेशिया, जापान, मालदीव, पापुआ न्यू गिनी और थाइलैंड के मंत्री भी शामिल हुए।
नित्यानंद राय ने कहा कि हम सभी कोविड-19 महामारी से लड़ रहे है। इस महामारी के बीच उष्ण कटिबंधीय चक्रवात, बाढ़, भूस्खलन, और सभी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में लोगों, विशेष रूप से हमारी जनसंख्या के गरीब और कमजोर तबके, की कठिनाईयों और पीड़ाओं को कई गुना बढ़ा दिया है।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वे भारत के अनुभवों से कुछ मुख्य सीख साझा करना चाहते हैं, जो एशिया प्रशांत क्षेत्र में प्रतिरोधी भविष्य बनाने में सहायक हो सकती है।
उन्होने कहा कि कोविड-19 ने हमें अनियंत्रित आपदा के खतरे से अवगत कराया है। इसने यह दिखा दिया है कि किस प्रकार आपदा का प्रभाव तेजी से बढ़ सकता है। जिस प्रकार जलवायु परिवर्तन हो रहे हैं इसका काफी कुप्रभाव पड़ सकता है तथा प्रकृति एवं मानव को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। नित्यानंद राय ने कहा कि विश्व की इस चुनौती में भारत सदैव वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर अपना योगदान देने के लिये खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा।
नित्यानंद राय ने कहा कि प्राचीनकाल से ही भारत में पर्यावरण को लेकर सतर्कता और सजगता रही है। ऋग्वेद की एक ऋचा में कहा गया है कि ‘’पर्यावरण लोगों को सही जीवन जीने हेतु खुशी प्रदान करता है। नदियां जल प्रदान करती है तथा हमें स्वास्थ्य, रात्रि, प्रात: काल व वनस्पति प्रदान करती है। सूर्य हमें शांत जीवन प्रदान करता है। गायें हमें दूध देती है”।
उन्होने कहा कि भारत के पास अब आपदा जोखिम प्रबंधन चक्र के सभी पहलुओं के वित्तपोषण के लिए पहले से तैयार तरीके उपलब्ध हैं। हमारे पास आपदा न्यूनीकरण, तैयारी, राहत और बचाव, साथ ही रिकवरी और पुनर्निमाण के लिए समर्पित संसाधन भी उपलब्ध हैं।
उन्होने कहा कि भारत द्वारा की गयी पहलें वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने के लिए ‘’अभूतपूर्व’, निजी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई’’ के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के आह्वान के अनुरूप हैं। एसकेप (ESCAP) तथा यूएन सिस्टम एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं जिसमें संक्रामक बीमारियों की निरंतर मॉनीटरिंग की जा सके तथा उनके बारे में देशों के साथ जानकारी साझा की जा सके।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि विगत छ: वर्षों से भारत, बिमस्टेक, शंघाई सहयोग संगठन, इंडियन ओशन रिम एसोसियशन, फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आईलैंड कार्पोरेशन और अन्य संगठनों जैसे फ्रेमवर्क के बीच आपदा जोखिम कम करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग को निरंतर बढ़ावा दे रहा है।
नित्यानंद राय ने कहा कि वे UN ESCAP की एशिया-प्रशांत आपदा रिपोर्ट 2019 का संदर्भ देना चाहेंगे जिसमें बाढ़ संबंधी समस्याओं के साथ नुकसानों में हुई काफी बढोतरी को दर्शाया है और जिसके वर्ष 2030 तक और भी खराब होने की आशंका है। इस रिपोर्ट के हिसाब से पूरे एशिया में गंभीर जलवायु परिवर्तन की स्थिति में, लगभग 50 बिलियन डॉलर प्रतिवर्ष के नुकसान के साथ भारत सबसे अधिक प्रभावित होगा। उन्होने कहा कि अब समय आ गया है कि UN ESCAP बदलती जलवायु में बाढ़ प्रबंधन के लिए कुछ अग्रगामी कदम उठाए। राय ने अंतरराष्ट्रीय बाढ़ प्रबंधन के लिए एक क्षेत्रीय सहयोग व्यवस्था बनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि इस प्रयास में भारत सरकार अपनी संस्थाओं के माध्यम से सहयोग सहित सभी प्रकार का समर्थन देने के लिए तैयार है।