यूटीयू कुलपति प्रो. ओंकार सिंह का टिहरी दौरा: टीएचडीसी हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज में शुरू होगा एमटेक–रिन्यूएबल एनर्जी कोर्स

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई टिहरी: उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने टीएचडीसी हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज भागीरथीपुरम का निरीक्षण कर कालेज में व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए। इस सत्र से हाइड्रो एंड रिन्यूएबल एनर्जी में M .Tech पूर्णकालिक तथा M.Tech. पार्ट टाइम संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही कंप्युटर साइंस इंजीनियरिंग में 60 क्षमता को बढ़ा कर 120 सीट किये जाने का प्रस्ताव भी विश्विद्यालय को भेजने के निर्देश निदेशक को मीटिंग में दिए गए।

मंगलवार को कुलपति प्रो. ओंकार सिंह और टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक एलपी जोशी ने भागीरथीपुरम स्थित टीएचडीसी हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज का निरीक्षण किया। इस अवसर पर प्रो. ओंकार सिंह ने कहा कि नौ मई को विवि ने टीएचडीसी हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज को कैंपस का दर्जा दे दिया है। अब विवि के ऊपर कालेज को बेहतर संस्थान बनाने की जिम्मेदारी है। कुलपति ने कहा कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन के साथ कालेज संचालन को लेकर जो अनुबंध हुआ था उस पर ठीक से कार्य नहीं हुआ है, जिसका खामियाजा संस्थान को इतने सालों तक झेलना पड़ा। लेकिन देर आये दुरुस्त आये वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए अब एमओयू का पालन करते हुए संस्थान को संचालित किया जाएगा। उन्होंने कॉलेज के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके कंधों पर छात्रों कक्षाओं में पढ़ाते हुए संस्कारित शिक्षा देने की जिम्मेदारी है ताकि छात्रों के भविष्य के साथ-साथ प्रदेश और देश का भविष्य सुधर सके।

कुलपति ने कहा कि कॉलेज के पास पर्याप्त संसाधन है जिनका सदुपयोग छात्रों को अच्छी शिक्षा देने में किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि संस्थान की बेहतरी के लिए हम सब को मिल कर काम करना होगा। संस्थान की बेहतरी के लिए जो भी सुझाव हो बिना झिझक के विश्वविद्यालय को भेज सकते है।

कुलपति ने कहा कि संस्थान को औद्योगिक अनुभवों का लाभ नवरत्न में से एक THDC India लिमिटेड के माध्यम से उठाया जा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए, शिक्षक, कर्मचारी गुटबाजी से बचे और संस्थान हित मे कार्य करे ताकि यह कॉलेज प्रदेश- देश में इंडस्ट्री-acadmiya collaboration के एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित हो सके।

बैठक के अंत में कॉलेज निदेशक को लंबित निर्माण कार्यों को पूरा किये जाने के प्रस्ताव विश्वविद्यालय के माध्यम से THDC इंडिया लिमिटेड को प्रस्तुत करने को कहा ताकि MoU की शर्तों के अंतर्गत अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा कराया जा सके। कुलपति ने सीधे कॉलेज के छात्रों से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं को सुना और संस्थान के निदेशक को खराब स्थिति में पाए गए उपकरणों को ठीक करने, placements को बढ़ाने तथा छात्रों के लिए खेल-कूद की व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए थ्योरी और प्रैक्टिकल कक्षाओं में गुणात्मक सुधार लाने के निर्देश दिए गए।

बैठक मे विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर सत्येन्द्र सिंह, वित्त नियंत्रक विक्रम सिंह Jantwal, THDC इंजीनियरिंग Campus कॉलेज के निदेशक डॉ शरद कुमार प्रधान, THDC India लिमिटेड के A.G.M AB त्रिपाठी, G.M. विजय बहुगुणा, कॉलेज के शिक्षक, कर्मचारी आदि उपस्थिति रहे

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