नई दिल्ली
वाइस एडमिरल कृष्ण स्वामीनाथन ने पश्चिमी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में पदभार ग्रहण किया।
01 जुलाई 1987 को भारतीय नौसेना में शामिल हुए एडमिरल स्वामीनाथन संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के विशेषज्ञ हैं और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला, ज्वाइंट सर्विसेज कमांड एंड स्टाफ कॉलेज, श्रीवेनहम, यूनाइटेड किंगडम; नौसेना युद्ध कॉलेज, करंजा; और यूनाइटेड स्टेट्स नेवल वॉर कॉलेज, न्यूपोर्ट, र्होड आइलैंड, यूएसए के पूर्व छात्र हैं।
अति विशिष्ट सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक हासिल करने वाले एडमिरल स्वामीनाथन ने अपने नौसैनिक करियर में मिसाइल जहाजों आईएनएस विद्युत और विनाश, मिसाइल कार्वेटआईएनएस कुलिश; गाइडेड मिसाइल विध्वंसकआईएनएस मैसूर और विमानवाहक पोतआईएनएस विक्रमादित्य की कमान सहित कई प्रमुख परिचालन, स्टाफ और प्रशिक्षण नियुक्तियां की हैं।
फ्लैग रैंक में पदोन्नति पर,उन्होंने मुख्यालय दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में चीफ स्टाफ ऑफिसर (प्रशिक्षण) के रूप में कार्य किया और भारतीय नौसेना में सभी प्रशिक्षणों के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने भारतीय नौसेना सुरक्षा दल को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो नौसेना के सभी कार्यक्षेत्रों में परिचालन सुरक्षा की देखरेख करता है। वहां से वे फ्लैग ऑफिसर समुद्र प्रशिक्षण के रूप में भारतीय नौसेना संगठन को आगे बढ़ाने के काम का नेतृत्व करने के लिए गएऔर उसके बाद उन्हें फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वेस्टर्न फ्लीट की अत्यंत प्रतिष्ठित नियुक्ति का सौभाग्य मिला। इस महत्वपूर्ण फ्लीट कमांड के पूरा होने पर,उन्हें भारत सरकार का फ्लैग ऑफिसर ऑफशोर डिफेंस एडवाइजरी ग्रुप और एडवाइजर ऑफशोर सिक्योरिटी एंड डिफेंस नियुक्त किया गया। अपना वर्तमान कार्यभार संभालने से पहले उन्होंने उस क्षमता में कार्य किया।
एडमिरल स्वामीनाथन की शैक्षिक योग्यता में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से बीएससी की डिग्री शामिल है। उन्होंने कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कोच्चि से दूरसंचार में एमएससी;किंग्स कॉलेज,लंदन से रक्षा अध्ययन में एमए; मुंबई विश्वविद्यालय से सामरिक अध्ययन में एमफिल; और मुंबई विश्वविद्यालय से ही अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में पीएचडी भी किया है।