नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु ने महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार प्रदान करने का आह्वान किया और देश की प्रगति के लिए उन्हें पूरी तरह से सशक्त बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।
नायडु ने रविवार को नेल्लोर के वेंकटचलम में स्वर्ण भारत ट्रस्ट की 20वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेते हुए बताया कि देश की आबादी का लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पुरुषों के समान विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
नायडु ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की निंदा करते हुए विभिन्न व्यवसायों में कौशल प्रदान करने के अलावा, संसद में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता को दोहराया।
नायडु ने इस बात पर संतोष जाहिर किया कि स्वर्ण भारत ट्रस्ट पिछले 20 वर्षों से जरूरतमंद और हाशिए पर खड़े लोगों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण के उनके सपने को पूरा कर रहा है।
नायडु ने कहा कि उनका हमेशा से मानना रहा है कि शिक्षा और व्यावसायिक कौशल के माध्यम से गरीबों और हाशिए पर खड़े वर्गों को सशक्त बनाने की जरूरत है।
देश की आर्थिक प्रगति में कृषि की अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए नायडु ने सभी हितधारकों से कृषि पर अधिक से अधिक ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसी तरह, युवाओं को कौशल और सशक्त बनाकर भारत के जनसांख्यिकीय स्थिति का पूरी तरह से उपयोग किया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने शहरी – ग्रामीण विभाजन का उल्लेख करते हुए इसे तेजी से पाटने का आह्वान किया और कहा कि यह हमारे गांवों से शहरों की ओर पलायन को भी रोकेगा।
नायडु की अध्यक्षता में राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने संबंधी विधेयक के पारित होने पर श्री अमित शाह द्वारा उस वक्त की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह उनके जीवन का एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि उन्होंने हमेशा से शेष भारत के साथ जम्मू और कश्मीर के पूर्ण एकीकरण की वकालत की थी।
उन्होंने कहा कि विस्तृत चर्चा के बाद विधेयक पारित होने के बाद पूरे देश में लोग खुशी से झूम उठे।
उपराष्ट्रपति नायडु ने कोविड-19 महामारी का उल्लेख करते हुए लोगों से टीके लगाने को लेकर झिझक को दूर करने और जल्द टीका लगवाने की अपील की।