टिहरी से दुखद खबर:संस्कृत, व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान जयानंद उनियाल शास्त्री के निधन पर शोक की लहर

चंबा (टिहरी) ।

Uttarakhand

चंबा के बंगोली गांव निवासी प्रतिष्ठित विद्वान जयानंद उनियाल का निधन हो गया है। बता दें बुधवार को ऋषिकेश में 97 साल की उम्र में जयानंद उनियाल शास्त्री ने आखिरी सांस ली। वे टिहरी जनपद में संस्कृत, व्याकरण और ज्योतिष के प्रकांड विद्वानों में से एक थे। उनके निधन की खबर से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार ऋषिकेश स्थित घाट पर किया जाएगा।

चंबा के बंगोली गांव निवासी पं. जयानंद उनियाल पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। सोमवार सुबह ऋषिकेश स्थित आवास में उनका निधन हो गया। बेसिक शिक्षा गांव से ही ग्रहण की। उन्हें बचपन से ही संस्कृत से बहुत लगाव था और संस्कृत पढ़ने के लिए वह ऋषिकेश चले गए थे। प्रथमा और मध्यमा की पढ़ाई ऋषिकेश और हरिद्वार से ग्रहण की। आगे की पढ़ाई के लिए वह बनारस चले गए और बनारस संस्कृत विश्वविद्यालय में वह शास्त्री के टाॅपर रहे। जयानंद उनियाल को न केवल टिहरी बल्कि गढ़वाल क्षेत्र के विद्वानों के बीच भी उन्हें खासा सम्मान प्राप्त था। खास बात यह है कि 16 साल की उम्र में ही वह श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करने लग गए थे। वर्तमान में वह ऋषिकेश में अपने पुत्र के आवास में रह रहे थे। वह अपने पीछे पांच पुत्र, पांच पुत्री और नाती-पोतों से भरा परिवार छोड़ दिया।

उनके निधन पर पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने शोक जताते हुए कहा, ‘उद्भट विद्वान एवं श्रीमद् भागवत मर्मज्ञ श्रद्धेय जयानन्द शास्त्री जी के निधन से देश ने एक विभूति को खो दिया है। टिहरी की यह अपूरणीय क्षति है। वे ज्योतिष शास्त्र के विशेषज्ञ थे। मेरी अंतर्मन व हृदय की गहराईयों से पुण्य आत्मा को श्रद्धांजलि।’

शोक व्यक्त करने वालों में पंडित हर्षमणि बहुगुणा, पूर्व प्रधान राकेश उनियाल, अनिल भंडारी, गोपाल बहुगुणा आदि थे।

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