कमल पर विराजित देवी लक्ष्मी यही संदेश देती हैं कि वे उसी व्यक्ति पर कृपा बरसाती हैं जो समाज में बुराई के बीच में भी कमल की तरह निष्पाप रहे और खुद पर बुराइयों को हावी ना होने दें।
हिमशिखर खबर ब्यूरो।
महालक्ष्मी के चित्रों और प्रतिमाओं में उन्हें कमल के पुष्प पर विराजित दर्शाया गया है। इसके पीछे धार्मिक कारण तो है साथ ही कमल के फूल पर विराजित लक्ष्मी जीवन प्रबंधन का महत्वपूर्ण संदेश भी देती हैं। महालक्ष्मी धन की देवी हैं। धन के संबंध में कहा जाता है कि इसका नशा सबसे अधिक दुष्प्रभाव देने वाला होता है। धन मोह-माया में डालने वाला है और जब धन किसी व्यक्ति पर हावी हो जाता है तो अधिकांश परिस्थितियों में वह व्यक्ति बुराई के रास्ते पर चल देता है। इसके जाल में फंसने वाले व्यक्ति का पतन होना निश्चित है।
वहीं कमल का फूल अपनी सुंदरता, निर्मलता और गुणों के लिए जाना जाता है। कमल कीचड़ में ही खिलता है परंतु वह उस की गंदगी से परे है, उस पर गंदगी हावी नहीं हो पाती। कमल पर विराजित लक्ष्मी यही संदेश देती हैं कि वे उसी व्यक्ति पर कृपा बरसाती हैं जो कीचड़ जैसे बुरे समाज में भी कमल की तरह निष्पाप रहे और स्वंय पर बुराइयों को हावी ना होने दें। जिस व्यक्ति के पास अधिक धन है उसे कमल के फूल की तरह अधार्मिक कामों से दूरी बनाए रखना चाहिए। साथ ही कमल पर स्वयं लक्ष्मी के विराजित होने के बाद भी कमल को घमंड नहीं होता, वह सहज ही रहता है। इसी तरह धनवान व्यक्ति को भी सहज रहना चाहिए, जिससे उस पर लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहे।