कौन थे देश के पहले IAS अफसर? इस भारतीय ने तोड़ा था अंग्रेजों को गुरूर

Uttarakhand

हिमशिखर शिक्षा डेस्क

इंडियन सिविल सर्विस के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय सत्येंद्रनाथ टैगोर हैं। 1832 में भारतीयों के लिए मुंसिफ और सदर अमीन पद बनाए गए और इसी पद पर भारतीयों को नियुक्त किया जाना शुरू किया गया। इससे पहले ब्रिटिश राज में पहले केवल अंग्रेजों का ही चयन होता था। 1833 में डिप्टी मजिस्ट्रेट और डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर भी भारतीयों को चयन की इजाजत दे दी गई।

भारत में सिविल सर्विस एग्जाम की शुरुआत साल 1854 में हुई. अंग्रेजों ने इसकी शुरुआत की थी. ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम करने वाले सिविल सर्वेंट को पहले कंपनी के निदेशकों द्वारा नामित किया जाता था. इसके बाद लंदन के हेलीबरी कॉलेज में इन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता. यहां से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ही भारत में तैनात किया जाता था.

भारतीयों को नीचा दिखाने को अंग्रेजों ने चली ये चाल

अंग्रेजों ने खुद को महान साबित करने के लिए कमीशन का गठन तो कर दिया. मगर वो नहीं चाहते थे कि कोई भारतीय इस प्रतिष्ठित पद तक पहुंचे. शुरुआत में यह परीक्षा सिर्फ लंदन में ही होती थी. इसके लिए न्यूनतम आयु 18 साल और अधिकतम आयु महज 23 साल ही थी. भारतीयों को फेल करने के लिए खासतौर से सिलेबस को तैयार किया गया और उसमें यूरोपीय क्लासिक के लिए ज्यादा नंबर रखे गए. अंग्रेज नहीं चाहते थे कि भारतीय ये परीक्षा पास करें.

इस भारतीय ने तोड़ा अंग्रेजों को गुरूर

Satyendranath Tagore

शुरुआती दशक में तो अंग्रेजों को लगा कि वो अपनी चाल में कामयाब हो गए हैं. मगर उन्होंने भारतीयों को कम आंककर बड़ी भूल कर दी थी. 1864 में पहली बार किसी भारतीय ने इस परीक्षा में सफलता हासिल की. सत्येंद्रनाथ टैगोर इस परीक्षा को पास करने वाले पहले भारतीय थे. वह महान रबिंद्रनाथ टैगोर के भाई थे. इसके बाद कामयाबी का सिलसिला चल निकला. तीन साल के बाद 4 भारतीयों ने एक साथ यह परीक्षा पास की.

– जून 1863 में पहली बार सत्येंद्रनाथ का चयन हुआ था। फिर वे ट्रेनिंग के लिए लंदन चले गए और नवंबर 1864 में वापस आए।

– सत्येंद्रनाथ ने 1865 में अहमदाबाद के सहायक मैजिस्ट्रेट और कलेक्टर के पद पर काम शुरू किया।

– वे सिविल सर्विसेज में लगभग 30 सालों तक रहे। उन दिनों अधिकारियों का मुख्य काम टैक्स की उगाही करना होता था।

– 1896 महाराष्ट्र के सतारा में जज के पद से रिटायर हुए थे।

– सत्येन्द्र एक प्रसिद्ध लेखक, बहुभाषाविद, गीतकार आदि थे। ये महान कवि रबींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई थे।

– सत्येंद्रनाथ टैगोर का जन्म 1 जून 1842 को कोलकाता में हुआ था।

– वे 9 जनवरी 1923 को इस दुनिया से हमेशा-हमेशा के लिए विदा हो गए थे।

शुरुआती जीवन

उनकी शुरुआती पढ़ाई घर पर हुई और बाद में प्रेसिडेंसी कॉलेज चले गए। 1859 में उनका विवाह ज्ञानंदिनी देवी से हुआ। 1862 में वह आईसीएस की परीक्षा के लिए लंदन गए। 1863 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा पास की। ट्रेनिंग के बाद वह नवंबर, 1864 में भारत लौट आए।

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