पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज 14 जून, 2025 शनिवार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि है |
आषाढ़ कृष्ण पक्ष तृतीया, सिद्धार्थ नाम संवत्सर विक्रम संवत 2082, शक संवत विश्वावसु 1947, ज्येष्ठ |आज है संकष्टी गणेश चतुर्थी|
आज तृतीया तिथि 03:47 PM तक उपरांत चतुर्थी | नक्षत्र उत्तराषाढ़ा 12:21 AM तक उपरांत श्रवण | ब्रह्म योग 01:12 PM तक, उसके बाद इन्द्र योग | करण विष्टि 03:47 PM तक, बाद बव 03:52 AM तक, बाद बालव | आज राहु काल का समय 09:06 AM – 10:46 AM है | आज चन्द्रमा मकर राशि पर संचार करेगा |
करण
- विष्टि – Jun 14 03:36 AM – Jun 14 03:47 PM
- बव – Jun 14 03:47 PM – Jun 15 03:52 AM
- बालव – Jun 15 03:52 AM – Jun 15 03:51 PM
योग
- ब्रह्म – Jun 13 01:47 PM – Jun 14 01:12 PM
- इन्द्र – Jun 14 01:12 PM – Jun 15 12:19 PM
वार
- शनिवार
त्यौहार और व्रत
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 5:44 AM
- सूर्यास्त – 7:09 PM
- चन्द्रोदय – Jun 14 10:01 PM
- चन्द्रास्त – Jun 15 9:02 AM
अशुभ काल
- राहू – 9:06 AM – 10:46 AM
- यम गण्ड – 2:07 PM – 3:48 PM
- कुलिक – 5:44 AM – 7:25 AM
- दुर्मुहूर्त – 07:32 AM – 08:25 AM
- वर्ज्यम् – 07:40 AM – 09:20 AM, 04:27 AM – 06:05 AM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – 12:00 PM – 12:53 PM
- अमृत काल – 05:44 PM – 07:24 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:08 AM – 04:56 AM
आनन्दादि योग
- चर Upto – 02:00 AM
- सुस्थिर
सूर्या राशि
- सूर्य वृषभ राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा मकर राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
- अमांत – ज्येष्ठ
- पूर्णिमांत – आषाढ़
- शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – ज्येष्ठ 24, 1947
- वैदिक ऋतु – ग्रीष्म
- द्रिक ऋतु – ग्रीष्म
आज (शनिवार, 14 जून) आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी है और कल (रविवार, 15 जून) मिथुन संक्रांति है। पूजा-पाठ और दान-पुण्य के नजरिए से ये दोनों दिन बहुत खास है। आज गणेश जी की विशेष पूजा और व्रत करें, कल मिथुन संक्रांति पर सूर्य पूजा के साथ दिन की शुरुआत और दान-पुण्य करें।
- विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत – 1947, विश्वावसु
- पूर्णिमांत – आषाढ़
- अमांत – ज्येष्ठ
तिथि
- कृष्ण पक्ष तृतीया – Jun 13 03:19 PM – Jun 14 03:47 PM
- कृष्ण पक्ष चतुर्थी – Jun 14 03:47 PM – Jun 15 03:51 PM
नक्षत्र
- उत्तराषाढ़ा – Jun 13 11:20 PM – Jun 15 12:21 AM
- श्रवण – Jun 15 12:21 AM – Jun 16 12:59 AM
आज आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करें। भगवान को दूर्वा, जल, पंचामृत अर्पित करें। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल, प्रसाद चढ़ाएं, धूप-दीप जलाएं। लड्डू का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और ऊँ गं गणपतयै नमः मंत्र का जप करें। भगवान के सामने चतुर्थी व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद पूरे दिन गणेश जी का ध्यान करें, भगवान से जुड़ी कथाएं पढ़ें-सुनें। शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्र को अर्घ्य दें और एक फिर गणेश पूजा करें। इसके बाद अन्न ग्रहण करें। इस तरह चतुर्थी व्रत पूरा होता है।
चतुर्थी और शनिवार के योग में शनिदेव की भी पूजा करें। शनि को तेल चढ़ाएं, तेल से अभिषेक करें, ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जप करें। अपराजिता के नीले फूल शनि को चढ़ाएं। ऐसा करने से कुंडली के शनि दोषों का असर शांत होता है। साढ़ेसाती और ढय्या से जुड़े दोषों का असर भी कम होता है।
मिथुन संक्रांति पर करें ये शुभ काम
कल यानी 15 जून को सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं। मिथुन संक्रांति के दिन पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है।
अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद तांबे के लोटे में जल भरें, जल में कुमकुम, गुलाब और चावल डालें, ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में सूर्य की प्रतिमा पर भी जल अर्पित कर सकते हैं।