श्रीनगर
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल के दिशा निर्देशन एवं मार्गदर्शन में राज्य में बागवानी के समग्र विकास एवं विस्तार के साथ-साथ काश्तकारों की आजीविका वृद्धि हेतु विश्वविद्यालय उघान विभाग द्वारा चौरास परिसर में लगातार विगत एक माह से उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तराखंड सरकार की एच० एम० ई० एच० (HMNEH) परियोजना के सहयोग से कृषक प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन कार्यशालाओं की श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। जिसके क्रम में दिनांक 02 सितंबर 2022 को देवप्रयाग विधानसभा के विभिन्न ग्रामों के 50 से अधिक ग्रामीण काश्तकारों को प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला का शुभारम्भ बतौर मुख्य अतिथि, संकायाध्यक्ष, कृषि एवं संबद्ध विज्ञान संकाय, चौरास परिसर प्रो० जे० एस० चौहान एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया । प्रो० जे० एस० चौहान ने प्रतिभागी काश्तकारों को जैविक बागवानी उत्पादन हेतु प्रेरित करने के साथ-साथ जैविक खेती से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में जैविक बागवानी उत्पादन को मजबूती देने के लिए एकजुटता के साथ काम करना जरूरी है। प्रो० चौहान ने देश एवं प्रदेश में बागवानी की खुशबू फैलाने और सबसे महत्वपूर्ण रूप से कृषक समुदाय को मजबूत बनाने के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा काश्तकारों के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमो कि सरहाना की।
कार्यशाला में उपस्थिति विशिष्ट अतिथि एवं विभागाध्यक्ष जैव रसायन विभाग डॉ० मनीषा निगम द्वारा काश्तकारों को कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी के बारे में बताते हुए कैसे हम अपने खानपान में रेशे युक्त फल एवं सब्जियां का सेवन कर कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी से बच सकते हैं के बारे में जानकारी दी।
उद्यानिकी विभागाध्यक्ष, डॉ० डी० के० राणा द्वारा काश्तकारों को संबोधित करते हुए संरक्षित सब्जी उत्पादन से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारियां काश्तकारों से साझा की । डॉ० राणा द्वारा आश्वासन दिया गया कि विश्वविद्यालय उघान विभाग के सभी शिक्षक एवं वैज्ञानिक भविष्य में शैक्षणिक, शोध एवं प्रसार गतिविधियों का समन्वय बनाए रखेंगे ।
कार्यशाला संयोजक एवं सहायक प्रोफेसर डॉ० तेजपाल सिंह बिष्ट द्वारा काश्तकारों को आजिविका वर्धन एवं आमदनी दोगुनी करने हेतु वैज्ञानिक पद्धति से बागवानी करने का सुझाव दिया साथ ही साथ उघान शोध प्रक्षेत्र में वैज्ञानिक बागवानी तकनिकियों एवं विभिन्न नवीनतम विधियों का प्रदर्शन दिखाया ताकी प्रत्येक काश्तकार प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारी को अपने खेत में अपना सके ।
डॉ. नसीरुद्दीन शाह एवं डॉ. विवेक द्वारा कास्तकारो को सफल नर्सरी उत्पादन पर प्रयोगात्मक जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान शील बायोटेक लिमिटेड से आये अधिकारियो एवं ग्रामीण कास्तकारो ने अपनी विभिन्न समस्याओ को वैज्ञानिको के समक्ष रखा, जिसका विभाग के वैज्ञानिको द्वारा समाधान भी किया गया।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों द्वारा काश्तकारों को उच्च गुणवत्ता के बीज एवं शोभाकार पौधे एवं प्रमाण पत्र वितरित किए गए ।
कार्यशाला में उद्यानिकी विभाग के डॉ० के० एन० शाह, डॉ० विवेक, श्री सन्त कुमार, शील बायोटेक से आये अद्यिकारियों एवं उद्यानिकी विभाग के शोधार्थी ने भी प्रतिभाग किया ।