नई दिल्ली

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सरकार ने ‘अग्निपथ स्कीम’ के तहत सशस्त्र बलों द्वारा ‘अग्निवीरों’ की 4 वर्ष की नियुक्ति करने की रूपांतरकारी घोषणा की थी। इसके बाद दूरंचार विभाग ने (डीओटी) ने आज सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के साथ बैठक की। सामान्य रूप से दूरसंचार क्षेत्र में तथा विशेष रूप से टीएसपी में प्रशिक्षित ‘अग्निवीरों ‘ जो सशस्त्र बलों में चार वर्षों की सेवा के बाद बाहर आएंगे, उनकी प्रतिभा, अनुशासन तथा अर्जित कौशल का किस प्रकार उपयोग किया जाए, बैठक में उसके माध्यमों एवं साधनों पर चर्चा की गई। सभी चार टीएसपी (एयरटेल, बीएसएनएल, रिलायंस जियो तथा वोडाफोन-आइडिया) के प्रतिनिधियों ने डीओटी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता सदस्य (टेक्नोलॉजी) द्वारा संचार भवन में की गई।

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चर्चा के दौरान, कुछ क्षेत्रों की पहचान की गई जिनमें  ‘अग्निवीरों’ की नियुक्ति/बहाली की जा सकती है। इनमें ऑप्टिकल फाइबर रखरखाव, एयर कंडीशनिंग इक्विपमेंट, अवसंरचना विशेष रूप से अंतिम मील कनेक्टिविटी का प्रावधान, फाइबर टू होम (एफटीटीएच) तथा कस्टमर इंटरफेस क्षेत्र शामिल हैं। टीएसपी ने सहमति जताई कि प्रशिक्षित/कुशल तथा अनुशासित युवाओं का प्रतिभाशाली समूह, जो इस स्कीम के परिणामस्वरूप उपलब्ध होगा, दूरसंचार क्षेत्र सहित देश के लिए एक परिसंपत्ति हो सकता है। यह निर्णय लिया गया कि टीएसपी शीघ्र ही उन विशिष्ट ट्रेडों/कौशल समूहों पर इनपुट देंगे जिनकी वे तलाश कर रहे हैं। इसके बाद यह पता लगाया जा सकता है कि क्या इन ‘अग्निवीरों’ को सशस्त्र बलों में उनके कार्यकाल के दौरान इन विशिष्ट पहलुओं/क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा सकता है जिससे कि वे अपनी अग्निपथ सेवा के बाद उद्योग के लिए तैयार हों।

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