पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
- विक्रम संवत – 2082, कालयुक्त
- शक सम्वत – 1947, विश्वावसु
- पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
- अमांत – बैशाख
तिथि
- कृष्ण पक्ष पंचमी – May 17 05:13 AM – May 18 05:58 AM
- कृष्ण पक्ष षष्ठी – May 18 05:58 AM – May 19 06:11 AM
नक्षत्र
- उत्तराषाढ़ा – May 17 05:44 PM – May 18 06:52 PM
- श्रवण – May 18 06:52 PM – May 19 07:29 PM
करण
- तैतिल – May 17 05:39 PM – May 18 05:58 AM
- गर – May 18 05:58 AM – May 18 06:09 PM
- वणिज – May 18 06:09 PM – May 19 06:12 AM
योग
- शुभ – May 17 07:08 AM – May 18 06:42 AM
- शुक्ल – May 18 06:42 AM – May 19 05:52 AM
वार
- रविवार
सूर्य और चंद्रमा का समय
- सूर्योदय – 5:48 AM
- सूर्यास्त – 6:58 PM
- चन्द्रोदय – May 19 12:02 AM
- चन्द्रास्त – May 19 11:07 AM
अशुभ काल
- राहू – 5:19 PM – 6:58 PM
- यम गण्ड – 12:23 PM – 2:02 PM
- कुलिक – 3:40 PM – 5:19 PM
- दुर्मुहूर्त – 05:12 PM – 06:05 PM
- वर्ज्यम् – 10:58 PM – 12:36 AM
शुभ काल
- अभिजीत मुहूर्त – 11:56 AM – 12:49 PM
- अमृत काल – 12:09 PM – 01:49 PM
- ब्रह्म मुहूर्त – 04:11 AM – 04:59 AM
आनन्दादि योग
- मुसल Upto – 08:31 PM
- गद
सूर्या राशि
- सूर्य वृषभ राशि पर है
चंद्र राशि
- चन्द्रमा मकर राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
- अमांत – बैशाख
- पूर्णिमांत – ज्येष्ठ
- शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) – बैशाख 28, 1947
- वैदिक ऋतु – वसंत
- द्रिक ऋतु – ग्रीष्म
Auspicious Yogas
- सर्वार्थसिद्धि योग – May 19 05:48 AM – May 19 07:29 PM (Shravana and Monday)
- सर्वार्थसिद्धि योग – May 18 05:48 AM – May 18 06:52 PM (Uttara Ashadha and Sunday)
आज का भगवद् चिंतन
व्यक्तित्व की महानता
महान व्यक्तित्व की अपनी एक विशिष्टता होती है। जिस प्रकार कस्तूरी की पहचान उसकी सुगंधी से होती है,उसी प्रकार व्यक्तित्व की भी अपनी एक सुगंधी होती है, जिसे बताया अथवा दिखाया तो नहीं जा सकता केवल महसूस किया जा सकता है। स्वभाव में ही किसी व्यक्ति का प्रभाव झलकता है। व्यक्तित्व की भी अपनी भाषा होती है जो कलम या जिह्वा के प्रयोग के बिना भी लोगों के अंतर्मन को छू जाती है।
सिंहासन पर बैठकर व्यक्तित्व महान नहीं बनता अपितु महान व्यक्तित्व एक दिन जन-जन के हृदय सिंहासन पर अवश्य बैठ जाता है। सिंहासन पर बैठना जीवन की उपलब्धि हो अथवा नहीं लेकिन किसी के हृदय में बैठना जीवन की वास्तविक उपलब्धि अवश्य है। राज सिंहासन पर बैठ सको न बैठ सको लेकिन किसी के हृदय सिंहासन पर बैठ सको तो समझना चाहिए कि आपका जीवन सार्थक हो गया है।
🙏 जय श्री राधे कृष्ण 🙏
[18/05, 08:23] +91 98971 37604: 🪴 आज का विचार 🪴
🦜….यदि दूसरों को अपनी गलती का एहसास ना भी हो तब भी उन्हें माफ कर देना क्योंकि गुस्से को पकड़ कर रखना हमें ही दुख देता है ना कि उनको।आज से हम दूसरों को माफ करके खुद को चोट पहुंचाना बंद करें..