आज 21वीं शताब्दी में भी कई लोग बेटा और बेटी में फर्क करते है। कुछ लोगों का मानना है कि बेटा जो कर सकता है वह बेटी नहीं कर सकती। लेकिन बेटी को भी बेटे जैसी शिक्षा दी जाए तो बेटी भी अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं। बेटों के जैसी भारतीय सेना, लड़ाकू, विमान का पायलट और भी ऐसी नौकरियां जिसमें बेटे जाते हैं, उसमें जा सकती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो बेटी भी हर क्षेत्र में बेटों से बराबरी कर सकती है बल्कि बेटों से आगे भी निकल सकती हैं। आज आपको ऐसी ही बेटी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो लेफ्टिनेंट बनने के बाद पूरा प्रदेश उन पर गर्व कर रहा है। इतना ही नहीं दूसरी लड़कियों के लिए भी प्रेरणा बन गई हैं।
हिमशिखर ब्यूरो
नई टिहरी।
टिहरी जनपद के चंबा क्षेत्र के मौण गांव की होनहार बेटी मनीषा तड़ियाल ने भारतीय सेना की मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट बनकर उत्तराखण्ड का मान बढ़ाया है। कड़े परिश्रम के साथ प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इस बेटी को दिल्ली सेना अस्पताल में तैनाती मिली है। लेफ्टिनेंट मनीषा की कामयाबी पर परिवार रिश्तेदारों के साथ ही गांव क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है।
लेफ्टिनेंट मनीषा ने 12 वीं कक्षा की परीक्षा राजकीय बालिका इंटर कालेज चंबा से पास करने के बाद हिमालयन कालेज आफ नर्सिंग से बीएससी नर्सिंग की डिग्री पूरी की। देश सेवा करने का जज्बा होने की वजह से कई अन्य विकल्प होने के बावजूद मनीषा ने सेना को ही अपने करियर के रूप में चुना। मनीषा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है।
लेफ्टिनेंट मनीषा के पिता गंभीर सिंह तड़ियाल जो उद्योग निदेशालय देहरादून में कार्यरत हैं, ने बताया कि मुझे गर्व है कि उनकी बेटी ने देश सेवा के लिए सेना में जाने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि बेटी बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहती थी। इसके लिए उसने जमकर मेहनत भी की। अब मनीषा सेना में अपनी सेवाएं देकर देश की सेवा करेगी, उन्होंने बेटी को बहुत कर्मठ बताया। मनीषा की माता कमला देवी गृहणी हैं।
चंबा के सुनीलगोपाल कोठारी, नवजोत तड़ियाल , महिपाल सिंह सजवाण, राजेश्वर बडोनी, विकास बहुगुणा, शक्ति जोशी, गणेश कोठारी ने लेफ्टिनेंट मनीषा की कामयाबी पर खुशी जताई है।