नई दिल्ली
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 18 वें अलंकरण समारोह में अदम्य साहस, शौर्य, वीरता व उत्कृष्ट सेवा के लिए बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को अलंकरण प्रदान किए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने कई सुरंगों का पता लगाकर उनका वैज्ञानिक एनालिसिस करके एक बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के बढ़ते ख़तरे के ख़िलाफ़ हमारी मुहिम आज बहुत महत्वपूर्ण है। इसे कम करने के लिए डीआरडीओ और अन्य एजेंसियां स्वदेशी तकनीक पर काम कर रही हैं। ड्रोन जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए हम जल्द ही स्वदेशी तकनीक बना लेंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और देश के अन्य अर्धसैनिक बलों के कारण ही भारत विश्व के नक्शे पर अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करा पा रहा है।
अमित शाह ने कहा कि स्वर्गीय रूस्तम जी ने एक ऐसे बल की शुरूआत की, जिसने अपने पसीने, निष्ठा, मेहनत, सजगता और बलिदान से एक महान कीर्ति स्तंभ की रचना की है जो देश की रक्षा के लिए हज़ारों किलोमीटर से दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि 1965 की लड़ाई के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के राज्यों की 25 बटालियनों के साथ एक बीज के रूप में सीमा सुरक्षा बल की शुरूआत हुई जो आज एक वट वृक्ष बन चुका है और पौने 3 करोड़ लोगों का परिवार बनकर देश को सुरक्षा मुहैया करा रहा है।
शाह ने कहा कि चाहे युद्ध काल हो या शांति काल हो, बीएसएफ़ के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य को निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और इसी का परिणाम है कि सीमा सुरक्षा बल को अनेकों वीरता पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।
अमित शाह ने कहा कि लंबे समय से ही हम हमेशा एक विकट परिस्थिति में रहे कि लगभग 7,516 किलोमीटर की तटीय सीमा और 15 हज़ार किलोमीटर से लंबी भूमि सीमा से हमारे देश को आगे बढ़ना पड़ा और उसी वक्त जरूरत थी कि सीमा सुरक्षा पर ध्यान देकर इसकी संरचना की जाए, लेकिन लंबे अरसे तक इस पर समग्र रूप से विचार नहीं हुआ।
अमित शाह ने कहा वर्ष 2008 से 2014 के दौरान 7,270 मीटर लंबे पुलों का निर्माण हुआ जबकि वर्ष 2014 से 2020 के दौरान ये दोगुना होकर 14,450 मीटर हो गया। वर्ष 2008-14 के दौरान मात्र एक सुरंग (road tunnels) का निर्माण हुआ जबकि वर्ष 2014-2020 के बीच छह नई सुरंगें बन चुकी हैं और 19 अन्य पर निर्माण कार्य जारी है।
एक अन्य महत्वपूर्ण आंकड़ा देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमाओं पर गैप्स को भरने के लिए मोदी सरकार ने संवाद करके अड़चनों को दूर किया। उन्होंने ये विश्वास दिलाया कि वर्ष 2022 से पहले सीमा पर फ़ेंसिंग में कोई गैप नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि ये तीन प्रतिशत गैप ही घुसपैठ के लिए संभावनाएं छोड़ता है और बाक़ी 97 प्रतिशत फ़ेंसिंग को बेकार कर देता है।
अमित शाह ने कहा कि सीमा सुरक्षा का मतलब है राष्ट्रीय सुरक्षा और जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं, वो राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता है। घुसपैठ, मानव तस्करी, गौ तस्करी, हथियारों की तस्करी, ड्रोन जैसी चुनौतियों का ज़िक़्र करते हुए अमित शाह ने देश की पैरामिलिट्री फ़ोर्सेस की सजगता, समयानुकूल बदलाव लाने की उनकी क्षमता पर विश्वास जताया और कहा कि इन सब चुनौतियों को पार करके हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित करेंगे।
अमित शाह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को डिटेक्ट करना, सुरंगों का पता लगाना, पोर्टेबल एनक्रिप्टिड सामरिक मोबाइल संचार, एंटी-ड्रोन तकनीक जैसे विषयों पर एक सीरीज़ आफ हैकाथॉन से फ़ायदा मिलेगा।