हरियाली अमावस्या आज : रविपुष्य और सर्वार्थसिद्धि योग से महत्व हुआ दोगुना

Uttarakhand

आज सावन महीने की अमावस्या है। इस तिथि पर पवित्र नदियों-तीर्थों में नहाने के साथ ही दान और पूजा-पाठ करने की परंपरा है। इस दिन पेड़-पौधे लगाए जाते हैं इसलिए इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं। सावन महीने की अमावस्या को पितृ पूजा करने का विशेष फल मिलता है।

शुभ योगों में अमावस्या
ज्योतिषाचार्य पं उदयशंकर भट्ट केे अनुसार आज 8 अगस्त को रविपुष्य नक्षत्र में हरियाली अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। इस तरह ग्रहों की विशेष स्थिति बनने से इस पर्व पर किए गए स्नान-दान और पूजा-पाठ का विशेष फल मिलता है।

घर पर ही तीर्थ जल से स्नान
वर्तमान हालातों को देखते हुए घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाने से तीर्थ स्नान का फल मिल सकता है। सावन अमावस्या पर ग्रहों की विशेष स्थिति बनने से इस दिन पितरों की विशेष पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही कुंडली में ग्रहों की स्थिति से बने पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है।

स्नान-दान और पितृ पूजा का पर्व
पं उदयशंकर भट्ट केे अनुसार  सावन अमावस्या पर सुबह तीर्थ के जल से स्नान करें। इसके बाद पितरों की संतुष्टि के लिए श्रद्धा के मुताबिक जरूरतमंद लोगों को अन्न-जल, कपड़े या अन्य जरूरी चीजों का दान कर सकते हैं। इस दिन गाय को घास भी खिलाना चाहिए। साथ ही इस पर्व पर पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। जिससे पितर संतुष्ट होते हैं।

हरियाली अमावस्या पर दान-पुण्य का बहुत महत्व होता है। इस पर्व पर घर में पूजा के बाद जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें। गाय को घास खिलाएं। माना जाता है कि इस दिन दिए गए दान का कई गुना अधिक पुण्य फल मिलता है।

अमावस्या पर क्या करें
रविवार को सूरज उगने से पहले नहा लें। इसके बाद पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पूजा-पाठ करें। गाय के घी का दीपक लगाएं। श्रद्धा अनुसार दान का संकल्प लें। इसके बाद गाय को हरी घास खिलाएं, कुत्तों और कौवों को रोटी खिलाएं। अमावस्या पर महामृत्युंजय मंत्र या भगवान शिव के नाम का जाप करें। अमावस्या के दौरान ब्राह्मण भोजन करवा सकते हैं। संभव ना हो तो किसी मंदिर में आटा, घी, दक्षिणा, कपड़े या अन्य जरूरी चीजें दान करें।

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