पंडित उदय शंकर भट्ट
अभी इन दिनों पितृ पक्ष चल रहा है। श्राद्ध कर्म करने का ये पक्ष 6 अक्टूबर तक चलेगा। इन दिनों में पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करने की परंपरा है। अगर कोई व्यक्ति किसी कारण श्राद्ध नहीं कर पा रहा है तो उसे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को खाना खिलाना चाहिए। साथ ही किसी मंदिर में, गौशाला में या गरीब असहाय को धन और अनाज का दान करना चाहिए।
पितृ पक्ष में जो लोग किसी कारण पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें किसी ब्राह्मण या गरीब व्यक्ति को धन और अनाज का दान करना चाहिए। किसी गौशाला में हरी घास का दान करना चाहिए।
रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। सूर्यदेव से पितरों की आत्मा को शांति देने की प्रार्थना करें। इसके बाद रोज पीपल पर भी जल चढ़ाना चाहिए।
ध्यान रखें इन दिनों में गलत कामों से बचना चाहिए। जो लोग पितृ पक्ष में अधार्मिक कर्म करते हैं, उन्हे पिंडदान, तर्पण आदि पुण्य कर्मों का फल नहीं मिल पाता है। पितृ पक्ष में गीता, रामायण, गरुड़ पुराण का पाठ करना चाहिए। इन ग्रंथों को पूरा नहीं पढ़ सकते तो रोज इनका थोड़ा-थोड़ा हिस्सा पढ़ सकते हैं। ग्रंथों में बताई गई बातों को जीवन में उतारने की कोशिश करनी चाहिए।