कालाष्टमी आज:कुत्ते को भोजन खिलाने से भगवान काल भैरव होते हैं प्रसन्न

हिमशिखर धर्म डेस्क

Uttarakhand

काल भैरव अष्टमी आज मनाई जा रही है। आपराधिक प्रवृत्तियों पर नियंत्रण करने वाले प्रचण्ड दंडनायक काल भैरव को शिव का रुद्रावतार कहा गया है। शास्त्रों के मुताबिक भगवान काल भैरव मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर प्रकट हुए थे। इसलिए आज इनकी विशेष पूजा की जाएगी।

भगवान काल भैरव की पूजा से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। साथ ही परेशानियों से मुक्ति मिलती है। काल भैरव की महापूजा से डर खत्म हो जाता है।

ऐसे करें पूजन

1. नहाने के बाद भगवान काल भैरव की पूजा करें।

2.  पूजा में अक्षत, चंदन, काले तिल, काली उड़द, काले कपड़े, धतूरे के फूल का इस्तेमाल जरूर करें।

3. काल भैरव को चमेली के फूल या नीले फूल अर्पित करना चाहिए। साथ ही सरसों के तेल का दीपक लगाएं

4. भगवान को नैवेद्य में जलेबी, पापड़, पूड़ी पुए और पकौड़े भगवान को भोग लगाएं।

5. इस दिन व्रत करने और कुत्ते को खाना खिलाने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं

6. पूजा में काल भैरव जी के मंत्र का 108 बार जाप करें।

कुत्तों को भोजन कराने की परंपरा

भगवान काल भैरव के बारे में ऐसा कहा जाता है मनुष्‍य के अच्‍छे बुरे कर्मों का हिसाब काल भैरव ही रखते हैं। जीवों का परोपकार करने वालों पर काल भैरव की विशेष कृपा रहती है तो वहीं बुरे कर्म करने वाले और अनैतिक आचरण करने वालों को वह दंड भी देते हैं। मान्‍यता है कि काल भैरव अष्‍टमी के दिन कुत्‍ते को भोजन जरूर कराना चाहिए। कुत्ता भैरव जी की सवारी माना जाता है। भगवान भैरव को कुत्ता प्रिय होता है। भगवान काल भैरव के मंदिर में नीले या काले रंग का झंडा दान करें। ऐसा करने से काल भैरव के साथ ही शनि देव की भी कृपा प्राप्‍त होती है और राहु भी अशुभ प्रभाव को दूर करते हैं। काल भैरव की पूजा करने से मन का भय समाप्‍त होता है।

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