ओमिक्रॉन वेरिएंट : नए वैरिएंट से बचने के लिए केंद्र ने राज्यों को दी ये सलाह, राज्यों के साथ मिलकर बनाई ये रणनीति

नई दिल्ली

Uttarakhand

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज यहां नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल की उपस्थिति में विभिन्न देशों में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के फैलने की खबर के बीच कोविड -19 सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों और तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने एक बार फिर कहा कि कोविड 19 के नए वैरिएंट के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संशोधित दिशा-निर्देशों और सलाहों को राज्यों के साथ साझा कर दिया गया है। उन्होंने राज्यों को सलाह दी कि वे अपने सुरक्षा उपायों को ढीला न पड़ने दें और विभिन्न हवाई अड्डों, बंदरगाहों और भूमि सीमा पार से देश में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें।

राज्यों को विशेष रूप से निम्नलिखित सलाह दी गई है

  • अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों पर प्रभावी निगरानी रखना: “एट रिस्क” यानी जोखिम वाले देशों से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के नमूनों का परीक्षण पहले ही दिन और 8वें दिन फिर दुबारा परीक्षण किए जाने की जरूरत है। जोखिम वाले देशों के अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे आरटी-पीसीआर परीक्षण की रिपोर्ट आने तक हवाई अड्डे पर प्रतीक्षा करने की तैयारी कर लें और पहले से कोई कनेक्टिंग फ़्लाइट बुक न करें।
  • राज्यों को जीनोम अनुक्रमण के लिए सभी पॉजिटीव नमूने इंसाकोग प्रयोगशालाओं (राज्यों के साथ मैप किए गए) को तुरंत भेजने की सलाह दी गई। राज्य पॉजिटीव लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उनपर 14 दिनों तक नजर रखने का काम करेंगे।
  • परीक्षण में वृद्धि: परीक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करें और परीक्षण दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करें। राज्य आरटी-पीसीआर अनुपात को बनाए रखते हुए प्रत्येक जिले में पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करेंगे।
  • हॉटस्पॉट की प्रभावी निगरानी: उन क्षेत्रों की निरंतर निगरानी जहां हाल ही में पॉजिटीव मामले ज्यादा आए थे। जीनोम अनुक्रमण के लिए सभी पॉजिटीव नमूनों को तेजी से नामित इंसाकोग लैब में भेजना।
  • घर में पृथकवास यानी होम आइसोलेशन के मामलों की प्रभावी और नियमित निगरानी जोखिम वाले देशों से आए यात्रियों के घरों में जाकर करना होगा। 8वें दिन के परीक्षण में निगेटीव रिपोर्ट वाले यात्रियों की स्थिति की भी राज्य प्रशासन उनके घर जाकर निगरानी करेगा।
  • स्वास्थ्य अवसंरचना का संवर्धन सुनिश्चित करना: स्वास्थ्य अवसंरचना (आईसीयू, ओ2 बेड, वेंटिलेटर, आदि की उपलब्धता) की तैयारी सुनिश्चित करें। ग्रामीण क्षेत्रों और बाल चिकित्सा मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ईसीआरपी-II को लागू करना। लॉजिस्टिक्स, दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडरों आदि की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्वीकृत पीएसए संयंत्रों का शीघ्र कार्यान्वयन शुरू करना।
  • सभी अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के विवरण सहित पॉजिटीव पाए गए यात्रियों की सूची के लिए एपीएचओ के साथ समन्वय करें और प्रभावी निगरानी के लिए उनके समर्थन को मजबूत करें।
  • राज्य प्रशासन, बीओआई अधिकारियों, एपीएचओ, पोर्ट स्वास्थ्य अधिकारियों (पीएचओ) और भूमि सीमा पार करने वाले अधिकारियों (एलबीसीओ) के बीच प्रभावी और समय पर समन्वय पर जोर दिया जाए।
  • राज्यों को आज मध्यरात्रि से प्रभावी होने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए दिशा-निर्देशों के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए बीओआई, एपीएचओ, पीएचओ और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करने की सलाह दी है।
  • देश में किसी भी वीओसी के प्रसार का पता लगाने और उसे रोकने के लिए राज्य निगरानी अधिकारी द्वारा दैनिक निगरानी,​​विशेष रूप से पॉजिटीव मामलों के किसी भी हाल के समूहों की, जरूरी है।
  • साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के माध्यम से जनता के साथ साझा किए जाने वाले विलय के परिदृश्य पर साक्ष्य और विज्ञान आधारित जानकारी के नियमित प्रसार पर फिर से जोर दिया गया।

नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वी. के. पॉल ने नए कोविड 19 वैरिएंट के कथित रूप से उभरने को “महामारी के भीतर महामारी” करार देते हुए कहा कि देश कोविड19 के प्रबंधन के अपने ज्ञान में समृद्ध है। उन्होंने फिर से कोविड के उपयुक्त व्यवहार के निरंतर महत्व को रेखांकित करते हुए बड़ी सभाओं से परहेज करने और टीकाकरण में तेजी लाने पर जोर दिया। कोविड19 से बचने के लिए शक्तिशाली उपाय के रूप में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए”हर घर दस्तक” टीकाकरण अभियान को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसका उद्देश्य 100% पहली खुराक पूरा करना और और दूसरी खुराक के टीकाकरण को भी जल्द पूरा करना है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे कोविड 19 टीकाकरण की गति और कवरेज में तेजी लाएं।

आईसीएमआर के महानिदेशक ने बताया कि ओमिक्रॉन वेरिएंट आरटीपीसीआर और आरएटी से नहीं बच सकता है। इसलिए,राज्यों को किसी भी मामले की शीघ्र और तेजी से पहचान के लिए परीक्षण में तेजी लाने की सलाह दी गई है। राज्यों को उन देशों के यात्रियों के लक्षित/प्राथमिकता परीक्षण के लिए सलाह दी गई है जहां इस बीमारी ने कहर बरपा रखा है। टीकाकरण कवरेज की निरंतर आवश्यकता, कोविड से बचने के लिए उपयुक्त व्यवहार का पालन और सामूहिक समारोहों से बचने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *