नई दिल्ली
टीआरपी समिति की रिपोर्ट और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिश को ध्यान में रखकर मेसर्स ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने अपनी प्रक्रियाओं, प्रोटोकॉल, निगरानी व्यवस्था में संशोधन किया है और नियमन के स्वरूप, इत्यादि में परिवर्तन शुरू किया है। स्वतंत्र सदस्यों को शामिल करने के लिए बोर्ड और तकनीकी समिति का पुनर्गठन कार्य भी बार्क द्वारा शुरू किया गया है। एक स्थायी निगरानी समिति का भी गठन किया गया है। डेटा के लिए एक्सेस प्रोटोकॉल को नया रूप दिया गया है और सख्त बनाया गया है।
बार्क ने संकेत दिया है कि उसके द्वारा किए गए परिवर्तनों को देखते हुए वे नए प्रस्तावों के बारे में विस्तार से बताने के लिए संबंधित क्षेत्रों से संपर्क कर रहे हैं और वे वास्तव में नए प्रोटोकॉल के अनुसार रिलीज शुरू करने के लिए तैयार हैं।
उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बार्क को तत्काल प्रभाव से समाचार रेटिंग जारी करने और इसके साथ ही मासिक प्रारूप में समाचार विधा के लिए पिछले तीन महीनों के आंकड़े भी जारी करने को कहा है, ताकि वास्तविक रुझान को निष्पक्ष और न्यायसंगत रूप से प्रस्तुत किया जा सके। संशोधित प्रणाली के अनुसार, समाचार और प्रमुख विधाओं की रिपोर्टिंग ‘चार सप्ताह की रोलिंग औसत अवधारणा’ पर होगी।
मंत्रालय ने टीआरपी सेवाओं के उपयोग हेतु रिटर्न पाथ डेटा (आरपीडी) क्षमताओं का उपयोग करने पर विचार करने के लिए प्रसार भारती के सीईओ की अध्यक्षता में एक ‘कार्य समूह’ का भी गठन किया है, जैसा कि ट्राई द्वारा और इसके साथ ही टीआरपी समिति की रिपोर्ट में भी सिफारिश की गई है। यह समिति चार माह में अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी।