ऋषिकेश
उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की ओर से राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से ऋषिकेश के नगर निगम कांफ्रेंस हॉल में मानव तस्करी को रोकने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न हुई।
कार्यशाला का शुभारंभ महिला आयोग अध्यक्षा कुसुम कण्डवाल द्वारा किया गया। कार्यशाला जिला हरिद्वार, जिला देहरादून, जिला टिहरी गढ़वाल व जिला पौड़ी गढ़वाल की संयुक्त रूप से थी।
एक दिवसीय कार्यशाला में मानव तस्करी के विषय में जानकारी दी गई इस विषय पर चर्चा की गई। मानव तस्करी को रोकने हेतु किस प्रकार सभी विभागों के आपसी सहयोग से कार्य हो। समस्त विभागों द्वारा जानकारी साझा की गई। यह कार्यशाला 2 चरणों मे की गई। प्रथम चरण में तस्करी को रोकने के लिए इस विषय के विशेषज्ञ ज्ञानेन्द्र कुमार द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा व जानकारी दी गयी। ट्रेनिंग प्रोग्राम के फेसिलिटेटर ज्ञानेंद्र द्वारा प्रेजेंटेशन द्वारा तस्करी के कारणों, सहयोगी चैन व प्रक्रिया के तथा साथ ही उसको रोकने के बारे में बताया, वहीं दूसरे चरण में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश वी. नैय्यर जी द्वारा कानूनी जानकारी प्रदान की गई।
महिला आयोग की अध्यक्षा कण्डवाल ने कहा कि महिला आयोग यह प्रयास उत्तराखण्ड की अनेकों बच्चियों व महिलाओं को बचाने का काम करेगा जो कि इस से पीड़ित हैं या हो सकती है। आयोग की अध्यक्षा ने उपस्थित सभी विभागों को आदेश भी दिए की विभाग के अधिकारी अपने अपने क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों से ग्रासरूट पर जानकारी लेंगे यदि इस प्रकार की कोई भी घटना आसपास घट रही है तो उस विषय मे सभी विभाग सामंजस्य बनाते हुए ट्रेफेकिंग को रोकने का काम करें ।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कण्डवाल द्वारा बताया गया कि मानव तस्करी को रोकने के लिए प्रत्येक जिले के अधिकारियों व विभागों को आयोग की तरफ से यह ट्रेनिंग कार्यशाला के द्वारा दी जानी है। जिसमे से यह कुमाऊं के नैनीताल, चम्पावत उधमसिंहनगर में करा दी गयी है। आज गढ़वाल के चार जिलों की कार्यशाला हो गयी है। अगले माह तक सभी जिलों में यह कार्यशाला कर दी जाएगी।
इस एक दिवसीय कार्यशाला में महिला आयोग उत्तराखण्ड की सदस्य सचिव कामिनी गुप्ता, आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश, जिला सूचना अधिकारी देहरादून/पौड़ी/टिहरी, जिला प्रोबेशन अधिकारी टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून सहित मानव तस्करी रोधी यूनिट- टिहरी, देहरादून व रेलवे पुलिस अधिकारी, चाइल्ड लाइन अधिकारी, पर्यटन अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी, विधिक सेवा अधिकारी व सभी जिलों के वन स्टॉप सेन्टर के अधिकारी उपस्थित रहे।