वीडियो: मुखबा स्थित गंगा मंदिर में विराजमान हुई मां गंगा की भोग मूर्ति, अब 6 महीने यहीं पर होंगे दर्शन

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

उत्तरकाशी: तीर्थ पुरोहितों के गांव मुखबा में विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ मां गंगा की भोग मूर्ति को गंगा मंदिर में स्थापित किया गया। अब शीतकाल में श्रद्धालु मुखबा में ही मां गंगा के दर्शन और पूजा-अर्चना का पुण्य लाभ अर्जित कर सकेंगे। मां गंगा की भोगमूर्ति उत्सव डोली के पहुंचने पर ग्रामीण बेटी की तरह मां गंगा का स्वागत कर रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं। अब 6 महीने तक मां गंगा के दर्शन यहीं पर होंगे। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धालुओं से शीतकाल में मां गंगा के दर्शन के लिए मुखबा गांव में आने की अपील की है।

26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की भोगमूर्ति उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कण्डेय स्थित भगवती के मंदिर पहुंची, जहां से मां गंगा की उत्सव डोली गुरुवार दोपहर में अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना हो गई। मां गंगा के स्वागत के लिए सभी ग्रामीण गांव के मुख्य गेट पर एकत्रित हुए, जहां पर महिलाओं और ग्रामीणों ने धूप-अगरबत्ती और फूलों से मां गंगा की पूजा-अर्चना की।

मां गंगा की भोगमूर्ति अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में विराजमान हो चुकी हैं, जहां पर ग्रामीण बेटी की तरह मां गंगा का स्वागत करते हैं और 3 दिन तक मां की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिलता है, क्योंकि 6 महीने मां गंगा तीर्थ पुरोहित और ग्रामीणों के साथ मुखबा गांव में प्रवास करती हैं।

मुखबा पहुंचने पर डोली का भव्य स्वागत किया गया। मुखबा एवं धराली गांव के समेश्वर देवता की डोली ने मां गंगा की डोली का स्वागत किया। तीर्थ पुरोहित दीपक सेमवाल ने बताया कि अब तीन दिन तक यहां पांडव नृत्य का आयोजन किया जाएगा।

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