पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर से कहा- आतंक से मिलकर लड़ेंगे

जर्मनी के चांसलर की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रेस वक्तव्य पढ़िए-

Uttarakhand

नमस्कार!

मैं मेरे मित्र चांसलर शोल्ज़ और उनके डेलिगेशन का भारत में स्वागत करता हूँ। चांसलर शोल्ज़ कई वर्षों बाद भारत का दौरा कर रहे हैं। 2012 में उनकी भारत यात्रा, हैम्बर्ग के किसी भी मेयर की पहली भारत यात्रा थी। स्पष्ट है कि उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों की संभावनाओं को बहुत पहले ही समझ लिया था।

पिछले वर्ष हमारी तीन बैठकें हुईं। और हर बार, हमारी चर्चाओं में उनकी इसी दूरदृष्टि और विज़न से हमारे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति और ऊर्जा मिली है। आज की बैठक में भी हमने सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों तथा क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

भारत और जर्मनी के मजबूत संबंध, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, और एक दूसरे के हितों की deep understanding पर आधारित हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक आदान-प्रदान का भी लंबा इतिहास रहा है। विश्व की दो बड़ी लोकतान्त्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए तो लाभकारी है ही, आज के तनाव-ग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है।

जर्मनी यूरोप में हमारा सबसे बड़ा trading partner होने के साथ, भारत में निवेश का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। आज “Make in India” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियान की वजह से भारत में सभी sectors में नए अवसर खुल रहे हैं। इन अवसरों के प्रति जर्मनी की रुचि से हम उत्साहित हैं।

चांसलर शोल्ज़ के साथ आज आया हुआ business delegation और भारतीय business leaders के बीच एक सफल बैठक हुई, और कुछ अच्छे agreements भी, बड़े महत्वपूर्ण agreements भी हुए। Digital Transformation, FinTech, IT, Telecom, और सप्लाई चेन्स के डायवर्सि-फिकेशन जैसे विषयों पर, हमें दोनों देशों के प्रमुख इंडस्ट्री लीडर्स के उपयोगी विचार और सुझाव भी सुनने को मिले।

भारत और जर्मनी Triangular Development Cooperation के तहत तीसरे देशों के विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच people-to-people संबंध भी सुदृढ़ हुए हैं। पिछले वर्ष दिसम्बर में किये गए Migration and Mobility Partnership Agreement उससे ये संबंध और भी गहरे होंगे।

बदलते समय की आवश्यकताओं के अनुसार, हम अपने संबंधों में नए और आधुनिक पहलू भी जोड़ रहे हैं। पिछले वर्ष मेरी जर्मनी की यात्रा के दौरान हमने Green and Sustainable Development Partnership की घोषणा की थी। इसके माध्यम से, हम Climate Action और Sustainable Development Goals के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं। Renewable Energy, Green Hydrogen और bio-fuels जैसे क्षेत्रों में भी हमने साथ काम करने का निर्णय लिया।

Security और defence cooperation हमारी Strategic Partnership का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ बन सकता है। इस क्षेत्र में हमारे untapped potential को पूरी तरह realize करने के लिए हम साथ मिलकर प्रयास करते रहेंगे। आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं, कि cross-border terrorism को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है।

कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़े हैं। विकासशील देशों पर इनका विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव रहा है। हमने इस बारे मे अपनी साझा चिंता व्यक्त की। हम सहमत हैं कि इन समस्याओं का समाधान संयुक्त प्रयासों से ही संभव है। भारत की G20 की अध्यक्ष्ता में भी हम इस बात पर बल दे रहे हैं।

यूक्रेन के घटनाक्रम के शुरुआत से ही भारत ने डायलॉग और डिप्लोमेसी के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है। हमने इस बात पर भी सहमति दोहराई कि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए मल्टी-लेटरल institutions में सुधार आवश्यक है। UN Security Council में सुधार लाने के लिए G4 के अंतर्गत हमारी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है।

सभी देशवासियों की तरफ से मैं एक बार फिर आपका और आपके डेलिगेशन का भारत में स्वागत करता हूँ। इस वर्ष सितम्बर में भारत में आयोजित G20 Summit के लिए हमें आपका फिर से स्वागत करने का अवसर मिलेगा। आपकी इस भारत यात्रा और आज की हमारी उपयोगी चर्चा के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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