केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोक सभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब दिया, सदन ने विधेयक को पारित कर दिया

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज लोक सभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। लोक सभा ने विधेयक को पारित कर दिया।

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि विपक्ष को लोकतंत्र, देश व जनता की चिंता नहीं है, बल्कि अपने गठबंधन को बचाने के लिए पूरा विपक्ष एकत्रित हुआ है और विपक्ष के इस दोहरे चरित्र को आज पूरा भारत देख रहा है। शाह ने कहा कि विपक्ष के लिए जनता के बिल महत्वपूर्ण नहीं हैं, लेकिन गठबंधन से छोटी सी पार्टी निकल ना जाए, इस बात का बहुत महत्व है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार हमेशा सदन में मणिपुर पर चर्चा करने के लिए तैयार है, और वे स्वयं चर्चा में हर बात का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता के मन में भ्रांति पैदा करना चाहता है, लेकिन जनता सब जानती है और आज विपक्ष ने अपने आप को एक्सपोज़ कर दिया है।

अमित शाह ने कहा कि सदन जनता को गुमराह करने का स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 239 (AA)(3)(B) के तहत संसद को दिल्ली संघराज्य क्षेत्र या इसके किसी भी भाग के बारे में उससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार है। श्री शाह ने कहा कि 1993 से 2015 तक स्थापित नियमों के अनुसार सेवाएं केन्द्र सरकार के पास ही थीं। उन्होंने कहा कि 1993 से 2015 तक किसी की भी सरकार दिल्ली में थी, उसका मकसद जनता की सेवा करना था और अगर सेवा करनी है तो झगड़ा करने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास कानून बनाने का अधिकार है, और नियम बनाने के अधिकार भी हैं। उन्होंने कहा कि नियम बनाने की ज़रूरत इसीलिए पड़ी क्योंकि दिल्ली में शासन नियमानुसार नहीं चल रहा था।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जैसे ही संसद में गठबंधन को तोड़ने वाला विधेयक आया, पूरा विपक्ष एक साथ आ गया और मणिपुर, लोकतंत्र, दंगे सब कुछ भूल गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग को इसीलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वहां बहुत सारी संवेदनशील फाइल्स बंद थीं, जिनमें आबकारी घोटाले की फाइल, मुख्यमंत्री के नए बंगले के निर्माण पर अवैध रूप से हुए खर्च की फाइल, सत्तारूढ़ पार्टी के प्रचार पर हुए 90 करोड़ रूपए के खर्च की जांच की फाइल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा फीडबैक यूनिट के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च कर एक स्वतंत्र गैरकानूनी खुफिया विभाग शुरू कर दिया गया और इसकी जांच की फाइल भी विजिलेंस में थी। इसके अलावा बीएसईएस और बीवाईपीएल का 21,000 करोड़ रूपए बकाया था, फिर भी एक कंपनी को और पैसा दे दिया गया, इसकी जांच की फाइल भी विजिलेंस में थी।

अमित शाह ने कहा कि देश में दिल्ली संघराज्य क्षेत्र की एकमात्र असेंबली ऐसी है जिसका सत्रावसान ही नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 2020 में दिल्ली विधानसभा का एक ही सत्र बुलाया गया, जिसमें 5 बैठकें हुईं। 2021 में भी एक ही बजट सत्र बुलाया गया, जिसमें 4 बैठकें हुईं, 2022 में भी एक ही बजट सत्र बुलाया गया और फिर 2023 में भी अभी तक एक ही बजट सत्र बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि ये कैबिनेट की गिनी-चुनी बैठक बुलाते हैं, AIIMS, IIT-Delhi जैसी संस्थाओं के 13 परमिशन को इन्होंने पेंडिंग रखा हुआ था। 5G टेक्नोलॉजी लाने के लिए 2016 में एक अधिनियम बनाया गया, जो देश के सभी राज्यों ने स्वीकार किया पर इन्होंने नहीं किया। श्री शाह ने कहा कि शॉपिंग फेस्टिवल आयोजित करने के लिए विज्ञापन के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च कर दिए गए और CAG की रिपोर्ट 2 सालों से दिल्ली विधानसभा में सदन के पटल पर नहीं रखी गई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ये विधेयक संपूर्णतया संविधानसम्मत है और सिर्फ दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए लाया गया है और इसके पीछे केन्द्र सरकार का कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। शाह ने कहा कि इस सदन में निहित राजनीतिक स्वार्थ और उद्देश्यों से ना भाषण देने चाहिएं और ना ही वोटिंग करनी चाहिए, बल्कि सदन में वोटिंग 130 करोड़ जनता के हित के लिए करनी चाहिए।

इससे पहले, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज लोक सभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि दिल्ली में 1993 से सही रूप से एक व्यवस्था चल रही थी क्योंकि किसी की मंशा शासन हथियाने की नहीं थी। उन्होंने कहा कि 2015 में दिल्ली में एक ऐसी सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा करना है। उन्होंने कहा कि समस्या ट्रांस्फर या पोस्टिंग के अधिकार की नहीं है, बल्कि वे विजिलेंस को कंट्रोल में लेकर भ्रष्टाचार को छिपाना चाहते हैं।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2015 में अचानक दिल्ली सरकार ने एक सर्कुलर निकाला जिसमें उन्होंने ट्रांस्फर, पोस्टिंग के अधिकार अपने हाथ में ले लिए। इसके बाद केन्द्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन निकाला जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, हाई कोर्ट का फैसला केन्द्र सरकार के पक्ष में आया जिसे फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट में खंडित फैसला आया और फिर संविधान पीठ बनी, जिसने हाल ही में अपना फैसला दिया। श्री शाह ने कहा कि देश की संसद और भारत सरकार को दिल्ली संघराज्य क्षेत्र के लिए हर प्रकार का कानून बनाने का अधिकार है और उस अधिकार का उपयोग कर एक नोटिफिकेशन निकाला गया क्योंकि उस वक्त संसद सत्रावसान में थी।

अमित शाह ने विधेयक का विरोध कर रहे विपक्ष के नेताओं से कहा कि चुनाव जीतने या किसी का समर्थन हासिल करने के लिए किसी विधेयक का समर्थन या विरोध करने की राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधेयक और कानून देशहित में लाए जाते हैं और इनका विरोध या समर्थन देश और दिल्ली के भले के लिए करना चाहिए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष को जनता का विश्वास मिला था, लेकिन 10 सालों तक चली सरकार के शासनकाल में 12 लाख करोड़ रूपए के घपले घोटाले हुए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के घपलों, घोटालों और भ्रष्टाचार को प्रछन्न रूप से गठबंधन की गरज के कारण मदद करने वालों को पूरा देश देख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *