हिमशिखर खबर ब्यूरो
मुंबई; लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत से बड़ी खबर सामने आई है। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया है। पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी अजित पवार को मिल गया है। ये अजित पवार के लिए बड़ी जीत है तो उनके चाचा शरद पवार के लिए आम चुनाव से पहले करारा झटका है। चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि विवादित आंतरिक संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर ‘विधायी बहुमत के परीक्षण’ ने अजित पवार गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की।
केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) के फैसले से महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य शरद पवार को करारा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में भतीजे अजित पवार की अगुवाई वाले गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) माना है। 24 साल पुरानी पार्टी को चुनाव-चिन्ह खोने के बाद अब शरद पवार क्या करेंगे? सबसे बड़ा सवाल यही है। 2019 में जब उन्होंने महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (MVA) की रचना की थी, तब उनके राजनीतिक कौशल की तारीफ हुई थी, लेकिन पांच साल पूरे होने से पहले उनके हाथों से उनकी खुद की पार्टी हाथों से निकल गई। चुनाव आयोग के फैसले के बाद एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर का फैसला अब महज औपचारिकता मात्र रह गया है। शिवसेना के झगड़े के तर्ज पर ही एनसीपी की लड़ाई आगे बढ़ी और रिजल्ट एक ही आया। आयोग के फैसले के बाद शरद पवार गुट के नेताओं की मुश्किल बढ़ सकती है। चुनाव आयोग ने शरद पवार को 7 फरवरी, 2024 को शाम 4 बजे तक अपने गुट के लिए नाम देने को कहा है। अगर शरद पवार ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो साथ के विधायक और सांसद को निर्दलीय माना जाएगा।