पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज भाद्रपद की 14 गते है।
अजा एकादशी का व्रत आज 29 अगस्त गुरुवार को है। आज के दिन अजा एकादशी व्रत 3 शुभ संयोगों में है। आज गुरुवार व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग का सुंदर संयोग बना है। हर साल भाद्रपद कृष्ण एकादशी तिथि को अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को चक्रवर्ती राजा हरिश्चंद्र के समान ही पुण्य लाभ हो सकता है। इसका वर्णन अजा एकादशी की कथा में मिलता है। अजा एकादशी की पूजा के समय आपको भी अजा एकादशी की व्रत कथा पढ़नी चाहिए।
आज का पंचांग
बृहस्पतिवार, अगस्त 29, 2024
सूर्योदय: 05:58 ए एम
सूर्यास्त: 06:46 पी एम
तिथि: एकादशी – 01:37 ए एम, अगस्त 30 तक
नक्षत्र: आर्द्रा – 04:39 पी एम तक
योग: सिद्धि – 06:18 पी एम तक
करण: बव – 01:24 पी एम तक
द्वितीय करण: बालव – 01:37 ए एम, अगस्त 30 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: गुरुवार
पूर्णिमान्त महीना: भाद्रपद
चन्द्र राशि: मिथुन
सूर्य राशि: सिंह
आज का विचार
यदि इन्सान अपने अंदर से दिखावटीपन को त्याग दे तो वह किसी भी इंसान के साथ मिलजुल कर रह सकता है। लोग अपने दुःख से कम दुसरो की खुशी से ज्यादा परेशान होते है ये मानव का स्वाभाव है।
आज का भगवद् चिंतन
जीवन की संतुष्टि
निश्चित ही अपने जीवन में जो संतुष्ट है वह मुक्त भी है। संतुष्टि, व्यक्ति को जीते जी मुक्त करा देती है। संतों का मत है कि इच्छाओं का शेष रहना और श्वासों का खत्म हो जाना ही मोह एवं इच्छाओं का खत्म हो जाना और श्वासों का शेष रहना ही मोक्ष है। आपने अपना जीवन कितनी संतुष्टि में जिया यही आपकी मुक्ति का मापदंड भी है।
महापुरुषों का जीवन इसलिए सफल अथवा वंदनीय नहीं माना जाता कि उन्होंने बहुत कुछ पा लिया है अपितु इसलिए सफल और वंदनीय माना जाता है, कि उन्होंने जो और जितना पाया है, बस उसी में संतुलन बनाना और संतुष्ट रहना सीख लिया है। संतुष्टि का अर्थ निष्क्रिय हो जाना नहीं अपितु अपेक्षा रहित परिणाम है। एक संतुष्ट जीवन ही एक सफल जीवन भी कहलाता है।