पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आज यानी 02 मार्च को है। साथ ही रविवार भी है। सनातन धर्म में रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है। साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव की पूजा करने से रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं।
आजकल लोगों को ये बात समझ आ गई है कि आमदनी का एक वैकल्पिक जरिया भी होना चाहिए। यदि आपको ऐसा लगता है कि दो पैसे कमाने के लिए कोई पार्ट टाइम काम किया जाए, तो उसमें बुराई नहीं है। इस समय गिग इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी, रिमोट वर्क जैसे कई बदलाए आए हैं, तो क्यों ना एक थोड़ा धार्मिक प्रयोग किया जाए।
जब आप दो रास्ते से धन कमा रहे हों तो नाम कमाने के लिए एक तीसरा रास्ता अपनाइए, जो कि सेवा है। धर्म और देश की सेवा में थोड़ा अतिरिक्त समय दीजिए। जब अतिरिक्त आमदनी होती है तो आप आर्थिक रूप से सुरक्षित हो जाते हैं, लेकिन अगर देश सेवा या धर्म सेवा करेंगे तो संतुष्टि का स्तर बढ़ जाएगा।
वहां वित्तीय सुरक्षा है तो यहां संतोष पैदा होगा। लेकिन जब भी सेवा करने निकलें तो सबसे पहला अपना मूल्यांकन करें कि हम कर क्या सकते हैं। क्योंकि इसमें सबसे महत्वपूर्ण है समय प्रबंधन। एक व्यक्ति जब तीन काम करे, तो उसे समय प्रबंधन में बहुत दक्ष होना पड़ेगा। इस समय के जटिल जीवन में सफलता कठिन काम है, लेकिन धर्म की अपनी ताकत है।
सूर्योदय और चंद्रोदय
सूर्योदय का समय | 06:20 पूर्वाह्न |
सूर्यास्त का समय | 06:00 अपराह्न |
चन्द्रोदय का समय | 07:43 पूर्वाह्न 🌙 |
चन्द्रास्त का समय | 08:36 अपराह्न 🌙 |
कैलेंडर
तिथि | तृतीया 🌒 रात्रि 09:01 बजे तक |
नक्षत्र | उत्तरा भाद्रपद 💫 08:59 AM तक |
योग | शुभकामनाएं 🙏 12:39 PM तक |
करण | तैतिला 🙏 सुबह 10:35 बजे तक |
काम करने के दिन | रविवार (रविवार) ☀️ |
पक्ष | शुक्ल पक्ष 🌒 |
चन्द्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2081 पिंगला 🌕 |
संवत्सर | पिंगला 🌕 02:14 PM, अप्रैल 29, 2024 तक |
शक संवत | 1946 क्रोधी 🌕 |
गुजराती संवत | 2081 नाला 🌕 |
चन्द्रमासा | फाल्गुन – पूर्णिमांत 🌒 |
दायाँ/गेट | 19 🌕 |
राशि और नक्षत्र
राशि | मीना ♓ |
नक्षत्र पद | उत्तरा भाद्रपद 💫 08:59 AM तक 🕉️ |
सूर्य राशि | कुंभ ♒ |
सूर्य नक्षत्र | शतभिषा 💫 |
सूर्य पद | शतभिषा 💫 🕉️ |
रितु और अयाना
द्रिक ऋतु | वसंत ☀️ |
वैदिक ऋतु | शीत ऋतु ❄️ |
ड्रिक अयाना | उत्तरायण ☀️ |
वैदिक अयन | उत्तरायण ☀️ |
आज का विचार
मुस्कान मानव हृदय की मधुरता को दर्शाता है और शांति बुद्धि की परिपक्वता को, और दोनों का ही होना मनुष्य की संपूर्णता को बताता है.!!
आज का भगवद् चिन्तन
सुख की राह
जीवन में अपेक्षा के अनुरूप फल की प्राप्ति न हो पाना ही हमारे दुःखों का एक प्रमुख कारण भी है। जीवन को दो तरीकों से सुखद बनाया जा सकता है। पहला यह है कि जो तुम्हें पसंद है, उसे प्राप्त कर लो या जो प्राप्त है, उसे पसंद कर लो। यदि आप भी उन व्यक्तिओं में से एक हैं जो प्राप्त को पसंद नहीं करते और पसंद को भी प्राप्त करने का सामर्थ्य नहीं रखते हैं तो आपने स्वयं ही अपने सुखों का द्वार बंद कर रखा है।
सुख प्राप्त करने की चाह में आदमी मकान बदलता है, दुकान बदलता है। कभी-कभी देश बदलता है तो कभी-कभी भेष भी बदलता है। लेकिन अपनी सोच, अपना स्वभाव बदलने को राजी नहीं है। भूमि नहीं अपनी भूमिका बदलो। जिस दिन आपने अपना स्वभाव जीत लिया उसी दिन आपका अभाव मिट जायेगा।