ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का विशेष महत्व बताया गया है। ये नक्षत्र किसी न किसी रूप में हमारे जीवन पर असर जरूर डालते हैं। इन सभी में पुष्य नक्षत्र का विशेष स्थान है। इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। दीपावली के पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र बहुत ही खास होता है। इस दिन खरीदारी का विशेष संयोग भी बना हुआ है।
पंडित उदय शंकर भट्ट
दीपावली का पांच दिवसीय महापर्व इस बार मंगलवार, दो नवंबर से शुरू होगा। दीपावली के पहले खरीदारी के लिए आज 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र उदय हो रहा है। इस दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग रहेगा। इस शुभ संयोग में की गई खरीदारी शुभ रहेगी। खरीदारी के इस मुहूर्त में ज्वैलरी, वाहन, फर्नीचर, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक और घर के सजावटी सामानों की खरीदारी की जा सकेगी। इस नक्षत्र में सभी शुभ कार्य होते हैं।
28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र सुबह 9:41 मिनट से प्रारंभ होकर 29 तारीख को 11:38 तक रहेगा। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र में पूरे दिन खरीदारी और अन्य शुभ कामों को करने का महत्व ज्यादा रहेगा। गुरु पुष्य संयोग हर राशि के लिए शुभ और फायदा देने वाला होता है। इस शुभ संयोग में हर तरह की खरीदारी और निवेश किया जा सकता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में कुछ नक्षत्र बहुत ही शुभ और फलदायी माने जाते हैं जिसमें से गुरु-पुष्य नक्षत्र बहुत खास होता है। 28 अक्तूबर को पूरे दिन और रात के समय पुष्य नक्षत्र रहेगा। जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ता है इसे गुरु-पुष्य नक्षत्र कहा जाता है। ऐसा शुभ संयोग साल में एक से दो बार ही बनता है। गुरु पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा आज सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग भी रहेगा।
ये हैं गुरु-पुष्य नक्षत्र की खास बातें
नक्षत्र ज्योतिष के अनुसार पुष्य को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। विवाह को छोड़कर अन्य सभी शुभ कर्म इस दिन से शुरू किए जा सकते हैं। पुष्य नक्षत्र का सबसे अधिक महत्व गुरुवार और रविवार को होता है। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र होने से गुरु-पुष्य और रविवार को रवि-पुष्य योग बनता है। आज गुरुवार को कालाष्टमी, अहोई अष्टमी भी है। वारों में गुरुवार को श्रेष्ठ माना जाता है, तिथि में अष्टमी ओर नक्षत्रों में पुष्य को श्रेष्ठ माना जाता है। अतः ये योग भी गुरुवार को होने से ये दिन और शुभ हो गया है।