उत्तरकाशी : पाइपलाइन बनी लाइफलाइन!; पाइप से दिया जा रहा ऑक्सीजन, पानी और खाना…

Uttarakhand

उत्तरकाशी में सिल्क्यारा में निर्माणाधीन टनल के धंसने से फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान जारी है। यहां पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक खाना भेजा गया है।


हिमशिखर खबर ब्यूरो

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है। सुरंग के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए हैं। मजदूर सुरक्षित हैं, उन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

एनएचआईडीसीएल के अनुसार सिल्क्यारा पोलगाव बडकोट रोड टनल की कुल लम्बाई 45 किलोमीटर निर्माण की जानी प्रस्तावित है जिसका सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 23 किलोमीटर भाग तथा पाेलगांव बडकाेट की तरफ से 1.7 किलोमीटर भाग निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है तथा बीच में लगभग 500 मीटर भाग में टनल निर्माण कार्य अवशेष है। गत 12 नवंबर को प्रातः लगभग 5:30 बजे उक्त निर्माणाधीन रोड टनल के सिल्क्यारा की तरफ से टनल के 270 मीटर भाग के पास लगभग 30 मीटर क्षेत्र में मलबा आने के कारण टनल के अन्दर 40 मजदूर फंंसेे हैं। फसें मजदूर में झारखण्ड के 15, उत्तराखण्ड के 02, हिमाचल के 01, उत्तरप्रदेश 08, बिहार के 04, पं० बंगाल के 03, असम के 02 एवं उडीसा के 05 मजदूर है।

जनपद स्तरीय संसाधनों सहित सम्बन्धित विशेषज्ञों से विमर्श कर एन० एच०ए० आई०. आज बी० एन० एल० एन० एच० सी० एल०. L&T. टी०एच० डी० सी० बी० आ० ओ० एवं एन० एच० आई०डी० सी० एल के तकनीकी एवं अन्य संसाधनों के सहयोग से टनल के अन्दर आये मलवे को मशीनरी से युद्ध स्तर पर हटाया जा रहा है तथा तथा भूस्लखन वाले भाग के पास सॉटकीटिंग का कार्य गतिमान है। इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श से फंसे मजदूरों तक पहुँचने हेतु मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट आदि के माध्यम से सुरक्षित रास्ता (ESCAPE PASSAGE) तैयार किये जाने की कार्यवाही भी गतिमान है

टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ हैं। सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

पाइपलाइन मददगार साबित हुई
निर्माणाधीन सुरंग में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइप लाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही इसी पाइप लाइन से कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक खाना और पानी भेजा गया है।

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