धूम्रपान, नशा एवं अधिक शारीरिक परिश्रम के साथ साथ रासायनिक भोज्य पदार्थ जोड़ों एवं नसों के रोग को बढ़ाते हैं-डा दिनेश जोशी

Uttarakhand

नई टिहरी

कुंजापुरी पर्यटन विकास मेले में विभिन्न विभागों ने अपने अपने स्टाल लगाए हुए हैं। आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा का स्टॉल लगातार मेले में आने वाले मरीजों को आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रहा है। आज दिनांक 12 अक्टूबर को जिला आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा रमेश नौटियाल के निर्देशन में आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के स्टाल में वात, जोड़ों से संबंधित रोगी, नसों से संबंधित रोगियों की चिकित्सा हेतु, आयुर्वेद एवं पंचकर्म विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर दिनेश जोशी द्वारा निशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा हेतु आमंत्रित किया गया।

शिविर में दूर दराज छेत्र से पहुँचे लोगों द्वारा पूर्व में लिए गये apointment के आधार पर आज चिकित्सा करायी। डा दिनेश जोशी विगत 11 वर्षों से जोड़ों एवं नसों से सम्बन्धीत बिमारियों का इलाज दुर्गम एवं पहाड़ों में कर रहे हैं।

डा जोशी ने बताया कि नसों एवं जोड़ों से संबंधित बीमारियों का मुख्य कारण गलत एवं समयबद्ध खान पान का ना होना एवं अधिक परिश्रम करना रहता है। कंधे में जकड़ाहट वात कफ के दूषित होने के कारण होती है, जिससे रक्त्वाहिनीयों में रक्त संचार रुक जाता है। कमर एवं गर्दन दर्द के मुख्य कारण जीवन शैली जैसे कि लगातार दोपहिया का सफर करना, भारी परिश्रम करना, बीड़ी सिगरेट एवं नशे का सेवन करना,लम्बे समय तक कंप्यूटर में बैठे रहना, दर्द होने पर स्वयं रोगी द्वारा दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना जिससे भविस्य में रोग बडा रूप ले लेता है। पांव की नसों का फूलना मुख्यतह लगातार खडे रहने,बैठने सम्बंधित व्यवसाय करना इत्यादि सम्बंधित रोगी इससे ग्रसित रहता है।समय समय पर आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा एवं शारीरिक अभ्यँग, दिनचर्या पालन एवं नशे से दूर रहकर बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

शिविर में मेला चिकित्सक डॉ वंदना डंगवाल, चिकित्साधिकारी डॉ मीनाक्षी किथोरिया, फार्मासिस्ट दीपक बिज्ल्वाण, जनप्रतिनिधि एवं मेला समिति के लोगों का अत्यंत सहयोग रहा। मां कुन्जापुरी पर्यटन विकास मेला 13 अक्टूबर तक चलेगा।

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