हिमशिखर खबर ब्यूरो
केरल।
केरल के श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की झील में बीते कई दशकों से रह रहा, एकमात्र मगरमच्छ रविवार देर रात मृत पाया गया। दावा किया जाता है कि यह मगरमच्छ शाकाहारी था। बताया गया है कि मंदिर की झील में 70 साल से रह रहे इस मगरमच्छ को ‘बबिया’ नाम से पुकारा जाता था। वह शनिवार से लापता था। वह मंदिर में चढ़ाए जाने वाले चावल-गुड़ के प्रसादम को खाता था।
![मगरमच्छ शनिवार से लापता था। रविवार रात करीब 11.30 बजे उसका शव झील में तैरता मिला। - Dainik Bhaskar](https://images-bhaskarassets-com.cdn.ampproject.org/ii/AW/s/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/10/1_1665401206.jpg)
75-years-old crocodile Babiya, who lived in Sri Anantha Padmanabha Swamy Temple's lake, passed away.
Temple's naivedyam (prasad) was fed to Babiya twice a day.
The babiya was also regarded as the guardian of the Temple. Om Shanti. pic.twitter.com/rcsPTzajJ3
— Anshul Saxena (@AskAnshul) October 10, 2022
मगरमच्छ को देखने के लिए उमड़ी भीड़
मगरमच्छ को अंतिम बार देखने के लिए कई राजनेता और सैकड़ों लोग पहुंचे। भीड़ ज्यादा बढ़ने लगी तो शव को झील से हटाकर खुली जगह में रख दिया गया।
![भीड़ ज्यादा बढ़ने लगी तो बाबिया का शव को झील से हटाकर खुली जगह में रख दिया गया। - Dainik Bhaskar](https://images-bhaskarassets-com.cdn.ampproject.org/ii/AW/s/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/10/5_1665401324.jpg)
अंतिम दर्शन करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री पहुंची
बाबिया को देखने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे भी पहुंची। उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मगरमच्छ 70 सालों से मंदिर में रहता था।
Devotees turn up to pay their last respects to Babiya.
For over seven decades at Ananthapura Lake Temple, Babiya was the cynosure of all eyes.
PS: The second photo was inadvertently attributed to Babiya in the previous tweet.@LostTemple7 https://t.co/FbBUhGVgsN pic.twitter.com/iGtwL7PJ4K
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) October 10, 2022
![मंदिर के पुजारियों का कहना है कि मगरमच्छ की उम्र 75 साल थी। वह मंदिर के दर्शन के लिए दिन में दो बार निकलता था। - Dainik Bhaskar](https://images-bhaskarassets-com.cdn.ampproject.org/ii/AW/s/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/10/2_1665404670.jpg)
मगरमच्छ को चावल पसंद थे
पुजारियों का दावा है कि मगरमच्छ पूरी तरह से शाकाहारी था और झील में मछली या अन्य जीवों को नहीं खाता था। बाबिया एक गुफा में रहता था। दिन में दो बार मंदिर के दर्शन के लिए गुफा से निकलता था और थोड़ी देर टहलने से बाद अंदर चला जाता था।
![मगरमच्छ पूरी तरह से शाकाहारी था और झील में मछली या अन्य जीवों को नहीं खाता था। - Dainik Bhaskar](https://images-bhaskarassets-com.cdn.ampproject.org/ii/AW/s/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/10/6_1665401478.jpg)
मगरमच्छ मंदिर में चढ़ाया जाने वाला प्रसाद ही खाता था। उसे पके चावल और गुड़ बेहद पसंद था। कई लोग मंदिर में भगवान के दर्शन के अलावा बाबिया को देखने आते थे और अपने हाथों से उसे चावल खिलाते थे। लोग का दावा है कि मगरमच्छ ने आजतक किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया।
![मंदिर में कई लोग मगरमच्छ को देखने आते थे और मन्नतें मांगकर अपने हाथों से उसे चावल खिलाते थे। - Dainik Bhaskar](https://images-bhaskarassets-com.cdn.ampproject.org/ii/AW/s/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/10/3_1665401502.jpg)