उत्तराखंड में सीमावर्ती सड़कों के किनारे ‘कैफे’ खोलेगा बीआरओ, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

नई दिल्ली

उत्तराखंड सहित देश के 12 राज्यों में बीआरओ कैफे खुलेंगे। यह कैफे सीमावर्ती सड़कों के किनारे खोले जाएंगे। इसके रक्षा मंत्रालय ने 75 कैफे खोलने को मंजूरी दे दी है। जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में सडक़ों का जाल बिछाने के बाद अब वहां आने जाने वाले लोगों के लिए चाय पानी की सुविधा की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 75 स्थानों पर सडक़ किनारे बीआरओ कैफे की स्थापना को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को यहां बताया कि सीमा सडक़ संगठन (बीआरओ) के साथ 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में सडक़ों के विभिन्न खंडों पर 75 स्थानों पर सडक़ किनारे ‘बीआरओ कैफे’ सुविधाओं की स्थापना को स्वीकृति दी है।

बीआरओ कैफे का उद्देश्य पर्यटकों को बुनियादी सुविधायें प्रदान करना और सीमावर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को गति देना। इस कदम से स्थानीय लोगों के लिये रोजगार भी पैदा होंगे।

बीआरओ की पहुंच दूर-दराज के सीमावर्ती इलाकों तक है और उन इलाकों की सामरिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वह उत्तरी और पूर्वी सीमाओं में सामाजिक-आर्थिक उन्नति की दिशा में भी काम करता है। इस तरह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थानों पर पर्यटकों की तादाद बढ़ी है। इन स्थानों पर आसानी से पहुंचना कठिन होता है। सख्त जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों वाली इन सड़कों पर पर्यटकों की आवाजाही को आरामदेह बनाने के लिये, सड़कों के किनारे बहुपयोगी सुविधायें तैयार करने की जरूरत है। यह कदम इन क्षेत्रों के प्रमुख पर्यटन सर्किटों को चिह्नित करने के बाद उठाया जा रहा है। चूंकि ये सड़कें दूर-दराज स्थित हैं और वहां तक पहुंचना कठिन है, इसलिये वहां व्यापारिक विकास होना मुश्किल हो जाता है। बीआरओ वहां पहले से कार्यरत है, इसलिये इन दूर-दराज के इलाकों में ऐसी सुविधायें उपलब्ध कराने का बीड़ा उसने खुद उठाया है।

इस योजना के तहत एजेंसियों के साथ मिलकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में सड़क किनारे सुविधायें विकसित तथा संचालित की जायेंगी। एजेंसियों को इसके लिये लाइसेंस दिया जायेगा और वे बीआरओ के दिशा-निर्देश में इन सुविधाओं की डिजाइन, निर्माण और संचालन करेंगी। सुविधाओं में दो पहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग, फूड प्लाजा/रेस्त्रां, महिलाओं, पुरुषों व दिव्यांगों के लिये अलग-अलग प्रसाधन सुविधा, फर्स्ट-एड सुविधा/एमआई कक्ष आदि का प्रस्ताव किया गया है। प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये लाइसेंस देने का कार्य पूरा किया जायेगा।

समझौते की अवधि 15 वर्ष होगी और उसे पांच वर्ष की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। नीचे 75 बीआरओ कैफों का विवरण दिया जा रहा हैः

क्रमांक          राज्य सड़कें
1 अरुणाचल प्रदेश डोपोरिजो बामे कोलोरियांग पासीघाट मेनचुका
मोइंग थुमबिन इनकियोंग टिप्पी दुर्गा मंदिर
किलोमीटर (केएम)  79 टेंगा रामा कैंप सेला टॉप तवांग
जेंगथू हायूलियांग वाकरो चांगविंटी
2 असम तेजपुर टाउन बीपी टेनाली
3 हिमाचल प्रदेश केएम 8.5 केएम .5 केएम 11.8 सिसू मनाली
खारो सुमडो
4 जम्मू-कश्मीर टीपी त्रागबल हुसैनगांव केएम 95 केएम 117.90
केएम 58 गलहार सियोट बाथुनी बुधहाल
कपोठा सुरनकोट
5 लद्दाख माटियान करगिल मुलबक खालत्से लेह
हुंदर चोगलामसार रुमत्से डेबिरंग पांग
सारछू अगहम न्योमा हानले
6 मणिपुर केएम 0
7 नगालैंड जखमा
8 पंजाब फजिल्का
9 राजस्थान तनोट केएम 44.40 साधूवाली गांव बिर्धवाल अर्जनसार
10 सिक्किम कुपुप
11 उत्तराखंड डारकोट केएम 61 केएम 57.44 भैरों घाटी बिराही
ग्वालधाम पांडुकेश्वर मनेरा बाईपास नागनी कमंड
माजरी घाट
12 पश्चिम बंगाल मल्ली

 

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