पंडित उदय शंकर भट्ट
आज धनतेरस से दीपावली पर्व का आरंभ हो गया है। देखा जाए तो हमारा सबसे बड़ा धन है स्वास्थ्य और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पैसा भी जरूरी है। इस दिन अगर सोना-चांदी खरीदना शुभ है तो इस दिन स्वास्थ्य को लेकर सजग होना भी पुण्यदायी है। तो इस धनतेरस कुछ कदम स्वस्थ ज़िन्दगी की तरफ भी बढ़ाना होगा।
धनतेरस को उचित आहार चयन से स्वस्थ रहने के दिवस के तौर पर मनाया जाना चाहिए क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी सम्पत्ति है। हमारे संत-मुनि भी कह गए हैं पहला सुख निरोगी काया, दूसरा सुख जेब में हो माया। धनतेरस को केवल समृद्धि का ही दिन नहीं माना जाता, यह धन्वंतरि देव का भी दिन है। आज धनतेरस पर हम सबको संकल्प लेना चाहिए कि परिवार का हर सदस्य एक-दूसरे के धन और आरोग्य के लिए पूरी ईमानदारी से समर्पित रहेगा। धनतेरस कुछ इस तरह से मनाएं कि हर सदस्य स्वस्थ रहे, खुश रहे।
जब राम लंका से अयोध्या के लिए चलने लगे तो राजा विभीषण से कहा- ‘करेहु कल्प भरि राजु तुम्ह मोहि सुमिरेहु मन माहिं।’ विभीषण, तुम कल्पभर राज करना और निरंतर मेरा स्मरण करते रहना। यहां राम एक सूत्र दे गए निरंतर प्रभु स्मरण का। अपने हर काम में ईश्वरीय शक्ति का निरंतर स्मरण बनाए रखें।