आधुनिकता की चकाचौंध में अपनी संस्कृति को न करें दरकिनार: जोशी

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

श्रीनगर (पौड़ी)। उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रति समर्पित “अपनी धरोहर” का द्वितीय वार्षिक अधिवेशन धूमधाम से सम्पन्न हुआ। अधिवेशन का शुभारंभ संस्था के संरक्षक व पूर्व कैबिनेट मंत्री लाखीराम जोशी, कार्यक्रम अध्यक्ष अतर सिंह असवाल, प्रमुख समाजसेवी साकेत अग्रवाल, राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

संस्था सचिव विजय भट्ट ने संस्था के पिछले वर्ष के कार्यो का ब्यौरा रखा और बताया कि पिछले साल नवम्बर में नैनीताल में प्रथम अधिवेशन हुआ था, जिसमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए देवताओं का आव्हान व आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गोल्ज्यू यात्रा का संकल्प लिया गया। इस वर्ष पिथौरागढ़ से प्रारंभ हुई यह यात्रा कुमाऊँ व गढ़वाल के प्रमुख स्थानों में होते हुए घोड़ाखाल भवाली गोल्ज्यू मंदिर में इसका समापन हुआ। यात्रा के दौरान हर यात्रा के पड़ाव में स्थानीय सर्वेक्षण भी किया गया। उन्होंने संगठन के मूलभूत उद्देश्यों को रखा। इसके बाद कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रस्ताव रखे और उस पर चर्चा के पश्चात सहमति बनाई। अगले माह युवा व महिला सम्मेलन पर भी चर्चा हुई।

पूर्व काबीना मंत्री लाखीराम जोशी ने कहा कि आधुनिकता के इस युग में विलुप्त होती जा रही अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए अपनी धरोहर संस्था का गठन एक सराहनीय प्रयास है और हम सभी को मिलकर इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए संगठन को सशक्त बनाने का संकल्प लेना होगा, इस कार्य में उनका जो भी सहयोग होगा वह तैयार है। अधिवेशन को राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम अध्यक्ष अतर सिंह असवाल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन के बाद समापन की घोषणा की। अधिवेशन में ढोल दमाऊ व वाद्य यंत्र संगीत आकर्षण का केंद्र रहे। इस मौके पर उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी, बीएस मेहता, भुवन कांडपाल, कोषाध्यक्ष सतीश पांडेय, विधिक सलाहकार दिवाकर पांडेय, सुनीता जोशी, निवेदिता परमार, श्याम सुंदर रौतेला, लवी चिलवाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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