हिमशिखर खबर ब्यूरो
जब भी ये तस्वीर सामने आती है मन तकलीफ से भर जाता है। यह तस्वीर प्रकृति के क्रूरतम सत्य में से एक है। पूरे हृदय में करुण रस का संचार करने की अद्भुत शक्ति है इसमें। दुःख ही इसका एकमात्र स्थाई भाव है। हृदयवादी कोई भी व्यक्ति इसे देखने के पश्चात ठिठक जाएगा।
जब पहली बार सोशल मीडिया में मैंने इस तस्वीर को देखा, तो बस ऐसे देखता ही रहा कुछ देर तक। बार-बार मेरी नजरें उस प्यारे छोटे बंदर के चेहरे पर जाकर टिक जा रही थीं। यह उत्सुकता बार-बार बनी रहे की इसके बाद का दृश्य क्या रहा होगा!
प्रतिपल हृदय से यही प्रार्थना निकल रही थी, काश यह बच्चा बच जाए। ईश्वर कुछ चमत्कार कर दें। पता नही आगे क्या हुआ होगा, इस तस्वीर में। बच्चे के मुख पर दहशत और मासूमियत के मिश्रित भाव हैं, खून की एक बूंद बच्चे के पैर पर गिरी है। उसकी अपनी माँ पर पकड़ तीव्र है। इस विकट परिस्थिति में भी उसे अपनी माँ से ज्यादा भरोसेमंद कोई नहीं लग रहा।