पहली बार मेडिकल की पढ़ाई होगी हिंदी में, शाह करेंगे पुस्तकों का विमोचन

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

भोपाल: हिन्दी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। मातृभाषा के रूप में हिन्दी को आगे बढ़ाने की दिशा में मध्यप्रदेश ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इसका श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है, जो लगातार हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।

बता दें कि यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिजस्तान और फिलीपींस जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में होगी। देश में इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से हो रही है। प्रदेश के 97 डॉक्टरों की टीम ने चार महीने में रात-दिन काम कर अंग्रेजी की किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 अक्टूबर को भोपाल में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिंदी में अनुवादित पुस्तकों का विमोचन करेंगे। इसके साथ ही एमपी में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू हो जाएगी।

Uttarakhand

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि देश में यह पहली बार है, जब एमबीबीएस को हिंदी में पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह इस धारणा को बदल देगा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों को हिंदी में सीखा और पढ़ाया नहीं जा सकता है। इस विचार को व्यवहार में लाने का एक कदम यह है कि हिंदी में पढ़ाई करके भी लोग आगे बढ़ सकते हैं। सीएम ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि एमपी से इस क्रांति की शुरुआत हो रही है।

अंग्रेजी शब्दों का हिंदी में किया गया है अनुवाद

Uttarakhand

एमबीबीएस प्रथम वर्ष की तीन पुस्तकें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो केमिस्ट्री बनकर तैयार हैं और 16 अक्टूबर को इन सभी हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। ये किताबें इस तरह से तैयार की जा रही हैं कि रक्तचाप, रीढ़, हृदय, गुर्दे और यकृत या शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों और संबंधित शब्दों जैसे तकनीकी शब्दों को अंग्रेजी में उच्चारित करने के लिए हिंदी में लिखा जाता है। हिंदी माध्यम से शिक्षित छात्र कड़ी मेहनत कर नीट की परीक्षा में तो उत्तीर्ण हो जाते हैं। एमबीबीएस में अंग्रेजी भाषा होने से उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब हिंदी में पाठ्यक्रम होने से विद्यार्थियों की समझ में इजाफा होगा।

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *